गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा की अगुवाई में पूरे प्रदेश में मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन की कामयाबी के लिये पूजा अर्चना की गई। लवलीना टोक्यो ओलंपिक में बुधवार को सेमीफाइनल मुकाबला खेलेगी ।
मुख्यमंत्री ने नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्जवलित किया। इसके अलावा प्रदेश में मंदिरों, मस्जिदों और चर्च में हर धर्म के लोगों ने उनके लिये प्रार्थनायें की।
टोक्यो ओलंपिक में लवलीना बोर्गाेहेन के सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान बुधवार को असम विधानसभा सत्र 30 मिनट के लिए स्थगित किया जाएगा।
महिला वेल्टरवेट वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन-चिन चेन को हराकर भारत के लिए एक और ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने वाली लवलीना बुधवार को टोक्यो ओलंपिक में वेल्टरवेट महिला मुक्केबाजी सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से भिड़ेंगी।
उल्लेखनीय है कि दो बार की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोर्गोहेन असम की पहली महिला मुक्केबाज हैं जिसने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
उनकी मां ममोनी का पिछले साल किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। लवलीना ने उस समय कुछ दिनों के लिए उनसे मुलाकात की लेकिन टूर्नामेंटों की तैयारियों के लिए 52 दिनों के लिए यूरोप जाने से पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गयी।
यह प्रशिक्षण दौरा उनके लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि महामारी के कारण भारत में कई तरह की पाबंदियां थी। मुक्केबाजों को शिविरों के फिर से खुलने के बाद भी कई दिनों तक उन्हें स्पैरिेग (दूसरे मुक्केबाज के साथ अभ्यास) की अनुमति नहीं थी।
दूसरे खिलाड़ियों से अलग रह कर उनके लिए तैयारी करना मुश्किल था और इसका असर एशियाई चैम्पियनशिप में भी दिखा, जहां वह पहले ही बाउट में हार गयी। ड्रॉ के छोटे होने के कारण हार के बावजूद भी उन्हें कांस्य पदक मिला।
लवलीना अपने आत्मविश्वास की कमी के बारे में बात करने से कभी पीछे नहीं हटी, ऐसा 2018 राष्ट्रमंडल खेलों से पहले दौर से बाहर होने के बाद हुआ था।
उन्होंने अपनी एकाग्रता को बनाये रखने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) का सहारा लिया।उनकी बड़ी बहनें लीचा और लीमा किक-बॉक्सर हैं और सीमित साधनों के बाद भी उनके माता-पिता बच्चों की खेल महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने से कभी पीछे नहीं हटे।
लवलीना का खेलों के साथ सफर असम के गोलाघाट जिले के बरो मुखिया गांव से शुरू हुआ। यह स्थान काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के लिए भी प्रसिद्ध है। लवलीना पहले किक-बॉक्सर थी और उन्हें एमेच्योर मुक्केबाजी में लाने का श्रेय बोरो को जाता है।