बजरंग कांस्य पदक के लिए रेपेचेज मुकाबले के विजेता से खेले।कांस्य पदक मुकाबले में उन्होंने 65 किलो ग्राम वर्ग में कजाकिस्तान के पहलवान को एकतरफा मैच में 8-0 से हराया। पहले हाफ में वह 2-0 से आगे थे और दूसरे हाफ में उन्होंने 6 अंक और लिए। कजाकिस्तान के पहलवान एक भी अंक नहीं ले सके। भारत के लिए मेडल लाने वाले इस ओलंपिक में वह दूसरे पहलवान बन चुके है।
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए भारत के बजरंग पूनिया और कजाकिस्तान के नियाज़बेकोव आमने सामने थे। शुरुआती मिनटों में दोनों खिलाड़ी शानदार खेल का प्रदर्शन दिखा रहे थे और किसी भी खिलाड़ी ने कोई प्वांइट नहीं लिय। लेकिन बजरंग ने लगातार कोशिश की और कजाक पहलवान को पेसिविटी पेनल्टी पर एक अंक ले लिया।
कजाक के खिलाड़ी ने फिर काफी कोशिश की लेकिन पूनिया ने उन्हें एक भी मौका नहीं दिया और पहले पीरियड में बजरंग 2-0 से आगे हो गए। दूसरे पीरियड में पूनिया ने शानदार तरीके से दो -दो अंक जुटाकर 4 अंक लिए और गेम में बढ़त बना ली। आखिर में बजरंग ने कमाल ही कर दिया, उन्होंने विरोधी को एक भी अंक नहीं लेने दिया और 8-0 से मैच जीत लिया।
इससे पहले एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और टोक्यो ओलम्पिक में भारत की स्वर्ण पदक की उम्मीद पहलवान बजरंग पुनिया शुक्रवार को टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल मुकाबले में ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता और तीन बार के विश्व चैंपियन अजरबैजान के हाजी एलियेव से 5-12 से हार गए।
बजरंग ईरान के मोर्टेजा घियासी को हरा कर पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किग्रा वर्ग कुश्ती के सेमीफाइनल में पहुंचे थे ।मुकाबले की बात करें तो बजरंग पूनिया ने पहले राउंड में डिफेंसिव खेल दिखाया। मैच रेफरी ने उनके खिलाफ पैसिविटी समय (असक्रिय रहने का जुर्माना) शुरू किया, जिसके चलते मोर्टेजा को एक अंक जरूर मिला, लेकिन बजरंग घबराए नहीं।
पहले राउंड के बजरंग 0-1 से पिछड़ते दिखे, हालांकि मुकाबले के आखिर के कुछ समय में बजरंग ने पहले एक अंक हासिल किया और फिर अपने विरोधी को चित करके मुकाबला जीत लिया। इससे पहले उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के अकमातालिएव एर्नाजार को हराया था।