चीबा (जापान) छह अगस्त (भाषा) बजरंग पुनिया को लेग-डिफेंस की कमजोरी के कारण बड़े स्तर पर एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ा जिससे शुक्रवार को वह तीन बार के विश्व चैंपियन हाजी अलीव से पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में हार गये और अब ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेंगे।
रियो ओलंपिक के कांस्य विजेता अजरबैजान के अलीव ने लगातार बजरंग के पैरों पर हमला किया और दो बार खुद को उस स्थिति में पहुंचा दिया जहां से वह आसानी से दो अंक हासिल करने में सफल रहे।
पहले पीरियड के बाद 1-4 से पीछे चल रहे बजरंग ने दूसरे पीरियड मे वापसी के लिए आक्रामक रूख अपनाया लेकिन एलीव ने बड़ी चतुराई ने उनकी चाल को नाकाम करते हुए 8-1 की बढ़त हासिल कर ली।
आखिरी क्षणों में बजरंग ने वापसी की लेकिन उन्हें मैच जीतने के लिए ज्यादा अंकों वाली पकड़ की जरूरत थी। मुकाबले के आखिरी 30 सेकेंड में उन्होंने अपना हमला तेज किया लेकिन अलीव ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। हार सुनिश्चित होने के बाद बजरंग मैट पर गिर गये।
वह अब कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे। वह अगर इसमें जीत दर्ज करने में सफल रहते है तो ओलंपिक में यह भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी होगी। सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने 2012 के लंदन खेलों में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था।
इससे पहले बजरंग पूनिया ने पहले दौर में किर्गीस्तान के अर्नाजार अकमातालिएव को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।पहले पीरियड के आखिरी क्षणों में बजरंग ने अकमालालिएव को मैट पर पटक कर 3-1 की बढ़त बना ली लेकिन किर्गीस्तान के पहलवान ने दूसरे पीरियड में पुशआउट के जरिये दो बार एक-एक अंक जुटा कर स्कोर बराबर कर दिया।
बजरंग ने दो अंक वाला एक स्कोर बनाया था इसलिए उन्हें विजेता घोषित किया गया।
बजरंग के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था और यहां पहले मुकाबले में वह जिस तरह की जीत के लिए जाने जाते है वह नहीं दिखा। वह रूस के एक स्थानीय टूर्नामेंट के दौरान घुटने की मामूली चोट से उबर कर इन खेलों में आए है।