टोक्यो। चोटिल भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार (प्लस 91) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए। घायल सतीश कुमार भले ही यह मैच हार गए लेकिन अपनी खेल भावना और बहादुरी से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया।
प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगवाकर उतरे सतीश 0-5 से हारे। उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे। सेना के 32 वर्षीय मुक्केबाज ने अपने दाहिने हाथ से पंच भी जड़े लेकिन जालोलोव पूरे मुकाबले में हावी रहे। तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे।
सतीश सुपर हैवीवेट में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे। वहीं जालोलोव तीन बार के एशियाई चैम्पियन भी हैं। फुटबॉलर से मुक्केबाज बने जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की। इसके साथ ही पुरूष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई।
लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) महिला वर्ग में सेमीफाइनल खेलेंगी जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी में भारत का पहला और एकमात्र पदक सुनिश्चित किया है।