दीक्षा डागर को मिली Tokyo Olympics में एंट्री, 2017 बधिर ओलंपिक में जीत चुकी है रजत

Webdunia
गुरुवार, 29 जुलाई 2021 (14:58 IST)
भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर को टोक्यो ओलंपिक की महिला गोल्फ प्रतियोगिता में जगह मिल गई है। दीक्षा के जुड़ने से पांच अगस्त से शुरू हो रही ओलंपिक की महिला गोल्फ प्रतियोगिता में अब भारतीय चुनौती मजबूत हो गई है। पिछले महीने जब अंतिम सूची तैयार की गई थी तब दीक्षा रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल थी।

इंटरनेशनल गोल्ड महासंघ ने भारतीय गोल्फ यूनियन (IGU) के जरिए दीक्षा के ओलंपिक में जगह मिलने की सूचना दी। आईजीयू अब समय को ध्यान में रखते हुए दीक्षा को टोक्यो पहुंचाने की तैयारी कर रहा है।

अदिति अशोक ओलंपिक में खेलने के लिए कट हासिल कर चुकी हैं। महिला गोल्ड प्रतियोगिता में अब भारत की गो खिलाड़ी हिस्सा लेंगी। अदिति जहां दूसरी बार ओलंपिक के खेलों में भारत का प्रतिनिधत्व करेंगी, तो बाएं हाथ की दीक्षा पहली बार ओलंपिक खेलती नजर आएंगी।

दीक्षा को है सुनने में तकलीफ

जानकारी के लिए बता दें कि, दीक्षा डागर को सुनने में परेशानी है और वह 2017 में बधिर ओलंपिक और अब टोक्यो 2020 में अपने खेल का प्रदर्शन करती नजर आएंगी। 2017 के बधिर ओलंपिक में दीक्षा सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही थी।

ऐसे मिली दीक्षा को एंट्री

दीक्षा डागर के लिए टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाना आसान नहीं रहा। दरअसल, साउथ अफ्रीका की पॉला रेटो ने खेलों के महाकुंभ से हटने का फैसला किया और ऑस्ट्रिया की गोल्फर सारा शोबर का बदलने के आग्राह को ठुकरा दिया गया, जिसके बाद दीक्षा को प्रतियोगिता में जगह मिली। आईजीयू ने इस बात की जानकरी दी।

साल 2019 में पेशेवर बनी दीक्षा साल 2018 के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधत्व कर चुकी हैं और महिला यूरोपीय टूर पर एक टीम स्पर्धा सहित दो खिताब जीते हैं। यह खबर सामने आने से पहले दीक्षा का आयरलैंड में आईएसपीएस हांडा आमंत्रण प्रतियोगिता में खेलने का कार्यक्रम था।

भारतीय ओलंपिक संघ ने भी उनकी मान्यता और यात्रा के लिए औपचारिकता शुरू कर दी है। दीक्षा को लंबे आइसोलेशन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन उनके पिता नरेन डागर भारत लौट चुके हैं। नरेन दीक्षा के पिता होने के साथ-साथ उनके कोच भी है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख