मुक्केबाजी के फाइनल में प्रवेश करने के लिए तुर्की की शीर्ष वरीयता प्राप्त मुक्केबाज सुरमेनेली और भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) के बीच में फाइनल में जगह बनाने के लिए बुधवार को मुकाबला शुरु हुआ।
लवलीना ने मैच के शुरुआत में एक भी पंच नहीं मारा और दूसरी मुक्केबाज को रस्सी के पास ले गई। लेकिन इसके बाद लगातर काउंटर पंच और अपर कट मारे। हालांकि टर्की की विश्व चैंपियन सुरमेनेली उनको टक्कर दे रही थी। पहले राउंड के अंत में टर्की की मुक्केबाज उन पर भारी पड़ी। इस दौरान टर्की की मुक्केबाज ने लवलीना को जीभ से चिढाया भी। पहला राउंड सर्वसम्मति से टर्की की मुक्केबाज के पक्ष में रहा।
दूसरे राउंड की शुरुआत में भी टर्की की मुक्केबाज के मुक्के निशाने पर लगे, लवलीना ने वापसी की कोशिश तो की लेकिन बहुत से पंच सही जगह पर नहीं लगे। खासकर दूसरे राउंड के अंत में उन्होंने लगातार मुक्के मारे। दूसरे राउंड की समाप्ति के बाद भी अंक टर्की की मुक्केबाज के पक्ष में रहे।
तीसरे राउंड की शुरुआत के बाद लवलीना ने जरूर मुक्के बरसाए। तीसरे राउंड के बीच में एक बार फिर टर्की की मुक्केबाज उन पर भारी पड़ती हुई दिखी। नतीजे की घोषणा मात्र एक औपचारिकता ही थी और सुरमेनेली को सर्वसम्मति से विजेता घोषित किया गया।
लवलीना मैच भले ही हार गई हो लेकिन ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब हुई। अपने पहले ओलंपिक में ही मेडल जीतने में वह कामयाब हुई है। मुक्केबाजी में मेडल जीतने वाली वह भारत की तीसरी मुक्केबाज बनी इससे पहले विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) भारत के लिए पदक जीत चुके हैं।
ओलंपिक में पदार्पण कर रही विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रही।