टोक्यो: भारत की 41 साल के लम्बे अंतराल के बाद पहली बार ओलंपिक फाइनल में खेलने की उम्मीदें पहले सेमीफाइनल मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से हारने के बाद टूट गईं। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पास इस हार के बाद हालांकि अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है।
इसको लेकर ही एक राहत भरी खबर है कि दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने जर्मनी को 3-1 से हरा दिया है। यह भारतीय फैंस के लिए इसलिए भी खुशखबरी है क्योंकि लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को सबसे करारी हार का स्वाद चखाया था। अगर कहीं जर्मनी उलटफेर कर ऑस्ट्रेलिया को दूसरा सेमीफाइनल रहा देता तो जर्मनी फाइनल में पहुंच जाती और भारत को ऑस्ट्रेलिया से दो दो हाथ करने होते।
हालांकि भारत को जर्मनी को भी हल्के में लेने की गलती नहीं करनी चाहिए लेकिन ब्रॉन्ज मेडल के लिए ऑस्ट्रेलिया से कमतर टीम मिलना भारत के लिए एक राहत की खबर ही है। दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने जर्मनी को 3-1 से मात दी और फाइनल में जगह बनाई। फाइनल 5 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के बीच खेला जाएगा।
निराश होने का वक्त नहीं अगले मैच के लिए करो तैयारी- कप्तान मनप्रीत
बेल्जियम के खिलाफ ओलंपिक सेमीफाइनल में 2-5 की हार निराशाजनक है लेकिन पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा कि टीम के पास इस दिल तोड़ने वाली हार के बारे में सोचने का समय नहीं है क्योंकि उन्हें गुरुवार को होने वाले कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले पर ध्यान लगाना होगा।आठ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारत को मंगलवार को यहां सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ 2-5 से हार का सामना करना पड़ा।
मनप्रीत ने हार के बाद कहा, मेरे लिए अभी चीजें आसान नहीं हैं क्योंकि हम जीतने की मानसिकता के साथ आए थे लेकिन दुर्भाग्य से हम मैच जीत नहीं पाए। अब हमें कांस्य पदक के मुकाबले पर ध्यान लगाने की जरूरत है और हमें यह पदक जीतने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, लंबे समय के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाना हमारे लिए सम्मान की बात है लेकिन मुझे लगता है कि अब हमें एकाग्र होने की जरूरत है क्योंकि अगला मैच हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। हम देश के लिए कांस्य पदक जीत सकते हैं।
कप्तान ने कहा कि टीम ने इस स्तर पर पहुंचने के लिए पिछले पांच साल में कड़ी मेहनत की और ऐसे में भारत मंगलवार को बेहतर नतीजे का हकदार था।
उन्होंने कहा, टीम ने हमेशा कड़ी मेहनत की और एकजुटता दिखाई। यह टीम पिछले चार या पांच साल से एक साथ है। इस स्तर पर पहुंचने के लिए हमने बेहद कड़ी मेहनत की है। हम बेहतर नतीजे के हकदार थे और दुर्भाग्य से आज हम इसे हासिल नहीं कर पाए।
श्रीजेश भी कप्तान से सहमत हैं और उन्होंने कहा कि बेल्जियम के खिलाफ हार अब अतीत की बात है और टीम को यहां से पदक जीतकर लौटने पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, निराश, लेकिन हमारे पास इस बारे में चिंतित होने का समय नहीं है। आपको इस बारे में भूलना होगा और भविष्य के बारे में सोचना होगा। हमारे पास अब भी पदक जीतने का मौका है और इस समय रोने की जगह हमारे लिय यह अधिक महत्वूपर्ण है।
श्रीजेश ने कहा, हमारे लिए यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम भविष्य के बारे में सोचें, मैच देखें, सोचें कि हम कहां हारे, हमने कहां गल्तियां की, इसमें सुधार करें और आगे बढ़ें।भारत के सीनियर डिफेंडर रूपिंदर पाल सिंह का भी मानना है कि भारत ने मौजूदा खेलों में सब कुछ नहीं गंवाया है।
रूपिंदर ने कहा, बेशक यह हमारे लिए दिल तोड़ने वाला है, 41 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाना और हम यहां स्वर्ण पदक जीतने आए थे। यह हमारा लक्ष्य था लेकिन हम आज हार गए। अच्छी चीज यह है कि अगले मैच में हमारे पास तीसरे स्थान पर जगह बनाने का मौका होगा इसलिए हमें इस पर ध्यान लगाना होगा।
रूपिंदर का मानना है कि तोक्यो में पदक से स्वदेश में खेल को फायदा होगा। उन्होंने साथ ही तोक्यो में सफलता का श्रेय टीम के आत्मविश्वास हो दिया।मनप्रीत और श्रीजेश ने भारतीय महिला टीम को शुभकामनाएं दी जो बुधवार को अर्जेन्टीना के खिलाफ पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल खेलेगी।
मनप्रीत ने कहा, उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार खेल दिखाया। हम अर्जेन्टीना के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। उम्मीद करते हैं कि हम जीत दर्ज करेंगे।श्रीजेश ने कहा, यह शानदार रहा। शुरुआती तीन मैच हारने के बाद लड़कियों ने शानदार टक्कर दी और अगले जीत मैच जीते जो उनके लिए महत्वपूर्ण थे। कल के मैच में आस्ट्रेलिया को हराकर उलटफेर किया और मुझे लगता है कि लड़कियां इस टूर्नामेंट में पदक जीतने में सक्षम हैं।