टोक्यो ओंलंपिक में इस बार भारतीय बैडमिंटन महिला खिलाड़ी पीवी सिंधु अपने पिछले मेडल का रंग बदलने के इरादे से उतरी थी। मेडल का रंग तो बदला लेकिन रियो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु गोल्ड नहीं सिर्फ ब्रॉन्ज जीतने में सफल हुई।
हालांकि इसका उनके प्रशंसको पर कोई फर्क नहीं पड़ा। भारत के लिए दूसरी बार ओलंपिक मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु का स्वागत गर्मजोशी और ढोल नगाड़ों के साथ हुआ। सिंधु के कोच भी उनके साथ थे और दोनों के आस पास एक सुरक्षा घेरा था।
लोग सिंधु की झलक पाने के लिए बेताब हो रहे थे। एयरपोर्ट पर सिंधु को देखकर लोगों की भीड़ बढ़ गई और वह उन्हें बधाईयां देने लग गए। जैसे ही वह बाहर आयी लोग इस पल को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करने लग गए।
सिंधू का स्वागत करने के लिए भारतीय बैडमिंटन महासंघ (बाई) के महा सचिव अजय सिंघानिया और फेडेरशन के अन्य अधिकारी तथा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई)के अधिकारी मौजूद थे।
बाई ने सरकार, खेल मंत्रालय और साई को उसके प्रयासों और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। सिंधू को परिवार के लोगों और सुरक्षाकर्मियों के घेरे के बीच हवाई अड्डे से बाहर निकाला गया। हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर ओलम्पिक पदक विजेता का स्वागत किया।
सिंधू ने इस अवसर पर कहा,''मैं बहुत खुश हूँ । मेरे लिए यह बड़े गर्व का दिन था। थकावट जैसी कोई बात नहीं है मेरे लिए यह रोमांच से भरा दिन रहा। मैं सिंघानिया सर और मुझे समर्धन करने वाले लोगों का धन्यवाद करती हूं। '
गौरतलब है कि पिछले रियो ओलम्पिक की रजत विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन भारत की पीवी सिंधू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन की ही बिंग जियाओ को इस रविवार को 21-13, 21-15 से हराकर बैडमिंटन एकल प्रतियोगिता में ब्रोन्ज मेडल जीत लिया था और इसके साथ ही उन्होंने भारत को इन टोक्यो ओलम्पिक खेलों में तीसरा पदक दिला दिया।
सिंधू इसके साथ ही ओलम्पिक में लगातार दो पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी बन गयी थी। इससे पहले यह उपलब्धि पहलवान सुशील कुमार को हासिल थी जिन्होंने 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में ब्रॉन्ज और 2012 के लंदन ओलम्पिक में सिल्वर मेडल जीता था। सिंधू ने 2016 में सिल्वर मेडल जीता था और इस टोक्यो ओलम्पिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता। (वेबदुनिया डेस्क)