रामनगरी अयोध्या से भी रहा नीरज का नाता, इसलिए साधु-संत भी दे रहे हैं बधाई
, सोमवार, 9 अगस्त 2021 (16:33 IST)
टोक्यो ओलम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर विश्व में भारत का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का नाता अयोध्या से भी रहा है और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के संत धर्माचार्यों ने भी उन्हें बधाई दी है।
टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाने वाले हरियाणा के नीरज चोपड़ा का अयोध्या से भी नाता रहा है। उन्होंने वर्ष 2015 में अयोध्या तहसील के कुमारगंज क्षेत्र के रामनेवाज सिंह महाविद्यालय में बी.ए. प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था, लेकिन आर्मी में भर्ती होने के कारण नीरज चोपड़ा परीक्षा नहीं दे सके थे।
महाविद्यालय के प्रबंधक मनीष सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में कबड्डी इंडिया कैम्प के तीन-चार खिलाड़ी उनके यहां पढ़ रहे थे। उन्हीं के माध्यम से नीरज ने उनके स्कूल में बीए प्रथम वर्ष में रजिस्ट्रेशन कराया था। कबड्डी की टीम लेकर पंजाब के पटियाला गया था वहां नीरज चोपड़ा से मुलाकात हुई थी।
टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीतकर एतिहासिक सफलता पर अयोध्या के संत, धर्माचार्यों में खुशी की लहर है। साधु-संतों के साथ खिलाडिय़ों ने नीरज की इस सफलता पर बधाई देते हुए उनके सुनहरे भविष्य की कामना की है। हनुमानगढ़ी के संत राजू दास ने कहा कि नीरज ने पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया है और हमें उस पर गर्व है। उसकी यह जीत हमारे खिलाडिय़ों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
वहीं, नीरज की इस सफलता पर मुदित कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि उनकी यह सफलता हमारे लिए अविस्मरणीय है। उन्होंने तिरंगे को टोक्यो में फहराकर भारत का मान बढ़ाया है। क्रिकेटर खिलाड़ी रंगेश मणि व पूर्णेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि नीरज के गोल्ड पदक ने 140 करोड़ भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
गौरतलब है कि अपने ग्रुप मे नीरज चोपड़ा ने 86 मीटर तक भाला फेंक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और फाइनल में जगह बनाई। फाइनल के पहले दो प्रयास में उन्होंने जो भाला फेंका तो उसका मुकाबला कोई दूसरा खिलाड़ी तो क्या खुद नीरज भी अपने अगले प्रयासों में नहीं कर सके।
पहले प्रयास में नीरज ने 87.03 मीटर तक भाला फेंका। दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर तक भाला फेंककर प्रतियोगिता का स्तर और बढ़ा दिया। उनमें और सिल्वर मेडलिस्ट में शुरु से लेकर अंत तक 1 मीटर तक का अंतर रहा। अंतिम प्रयास से पहले ही नीरज चोपड़ा का गोल्ड पक्का हो गया था। आखिरी प्रयास में भी उन्होंने 84 मीटर तक का भाला फेंका।
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