हॉकी के बाद जिस खेल में भारत के लिए सबसे ज्यादा मेडल आए हैं वह है कुश्ती। भारत कुश्ती में अब तक 6 मेडल जीत चुका है। लंदन से लेकर टोक्यो, पिछले तीन ओलंपिक में भारत ने कम से कम कुश्ती में 1 पदक जरूर जीता है।
कुश्ती के ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा से ही आते हैं और इस बार भी दोनों खिलाड़ी हरियाणा से ही थे। रजत पदक जीतने वाले रवि दहिया और कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया जब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकले तो जनता ने उनको कंधे पर बिठा लिया। दोनों ही पहलवानों का ढोल नगाड़ो के साथ स्वागत हुआ।
रवि दहिया ने अपना पदक पहले ही पक्का कर लिया था। उनके पास स्वर्ण पदक जीतने का सुनहरा मौका था लेकिनउन्हें टोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रूसी ओलंपिक समिति के जावुर युवुगेव से 4-7 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। हालांकि इससे उनके गांव और चाहने वाले निराश नहीं है। उनकी खुशी का अंदाजा इस वीडियो से लग जाता है।
इस ओलंपिक के एक मैच में करीब 15 सेकेंड तक कजाकिस्तान के पहलवान ने रवि की बाजू अपने दांतो में दबाए रखी थी लेकिन रवि ने यह मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया था।
वहीं अंतिम दिन बजरंग पुनिया ने कमाल ही कर दिया। कांस्य पदक मुकाबले में उन्होंने 65 किलो ग्राम वर्ग में कजाकिस्तान के पहलवान को एकतरफा मैच में 8-0 से हराया।
अंतिम दिन उनको जो सुर्खियां मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली और कुछ ही देर बाद पूरा देश नीरज चोपड़ा का दीवाना हो गया लेकिन आज उनके फैंस ने सुनिश्चित किया कि उनके ब्रॉन्ज मेडल जीत को उचित सम्मान दिया जाए। (वेबदुनिया डेस्क)