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साइबर अपराधों से निपटने पर लक्षित पहली यूएन संधि पर 65 देशों ने किए हस्ताक्षर

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UN

, रविवार, 26 अक्टूबर 2025 (20:34 IST)
साइबर अपराधों के विरुद्ध लड़ाई और उनकी रोकथाम के लिए पहली संयुक्त राष्ट्र संधि पर 65 देशों ने वियतनाम की राजधानी हनोई में हस्ताक्षर किए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस संधि को एक ऐसा शक्तिशाली, क़ानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय बताया है, जिससे साइबर अपराधों के विरुद्ध सामूहिक रक्षा कवच को मज़बूती मिलेगी। इस अवसर पर हनोई में उपस्थित यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यह बहुपक्षवाद में निहित शक्ति का एक उदाहरण है कि किस तरह से समाधान हासिल किए जा सकते हैं।
 
दुनियाभर में इन्टरनेट, ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही साइबर अपराधों का ख़तरा भी अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ रहा है। सूचना व संचार टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग आतंकवाद, मानव तस्करी, धन के अवैध लेनदेन और ड्रग तस्करी समेत अन्य अपराधों को अंजाम देने में किया जा रहा है।
इससे उपज रही चिन्ताओं के मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 दिसम्बर 2024 को न्यूयॉर्क में इस संधि को पारित किया था और अब हनोई में इसे सदस्य देशों के हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया है। इस अवसर पर हनोई में उपस्थित यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यह बहुपक्षवाद में निहित शक्ति का एक उदाहरण है कि किस तरह से समाधान हासिल किए जा सकते हैं।
 
और यह एक संकल्प भी है कि किसी भी देश को चाहे वो विकास के किसी भी स्तर पर हो, साइबर अपराधों के विरुद्ध रक्षाविहीन नहीं छोड़ा जाएगा। हस्ताक्षर समारोह को वियतनाम ने मादक पदार्थ व अपराध नियंत्रण के लिए यूएन कार्यालय (UNODC) के सहयोग से आयोजित किया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों, राजनयिकों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
सदस्य देशों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद अब विभिन्न देशों में तयशुदा विधायी प्रक्रिया के ज़रिए इस संधि का अनुमोदन किया जाएगा। 40वें हस्ताक्षरकर्ता देश द्वारा मुहर लगाए जाने के 90 दिनों के भीतर यह संधि अमल में आ जाएगी।
 
संधि के अहम बिन्दु
यह पहला वैश्विक फ़्रेमवर्क है, जिसके तहत सभी गंभीर अपराधों के लिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को एकत्र, साझा व इस्तेमाल किया जाएगा। अभी तक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के लिए कोई ऐसा अन्तरराष्ट्रीय मानक नहीं है, जिसे व्यापक स्वीकार्यता हासिल हो।
यह पहली वैश्विक संधि है, जिसमें साइबर-आधारित अपराधों, ऑनलाइन धोखाधड़ी, ऑनलाइन बाल दुर्व्यवहार, उनके शोषण व उससे जुड़ी सामग्री का आपराधीकरण किया जाएगा। यह पहली अन्तरराष्ट्रीय संधि है, जिसमें बिना सहमति के अंतरंग तस्वीरों को ऑनलाइन माध्यमों पर फैलाने को एक अपराध माना गया है।
 
इसके तहत, पहली बार एक 24/7 नैटवर्क तैयार किया गया है, जहां देश तुरन्त सहयोग शुरू कर सकते हैं। विभिन्न देशों में क्षमता निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि तेज़ी से हो रही साइबर अपराधों से निपटने के लिए सहयोग किया जा सके। यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने वियतनाम की राजधानी हनोई में हस्ताक्षर समारोह में जुटे प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।
 
डिजिटल युग में सामूहिक कवच
इस नई संधि से एक ऐसे समय में डिजिटल ख़तरों के विरुद्ध लड़ाई में मदद मिलने की उम्मीद है, जब साइबर अपराधों से वार्षिक चपत हज़ारों अरब डॉलर तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। यूएन महासचिव ने आगाह किया कि टेक्नोलॉजी के ज़रिए अभूतपूर्व प्रगति हुई है, लेकिन इसने अनेक कमज़ोरियों की ज़मीन भी तैयार की है।
उन्होंने कहा कि हर दिन परिवारों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा रहा है, आजीविकाओं को चुराया जा रहा है और हमारी अर्थव्यवस्थाओं को अरबों डॉलर का चूना लगाया जा रहा है। साइबर जगत में कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है, जब तक हर कोई सुरक्षित न हो। कहीं पर भी हमारे कमज़ोर होने से, हर जगह पर लोग व संस्थान इसकी चपेट में आ सकते हैं।
 
यूएन महासचिव ने इस संधि को ऑनलाइन अपराधों से पीड़ित हर व्यक्ति के लिए एक जीत बताया और जांचकर्ताओं व अभियोजकों के लिए एक स्पष्ट मार्ग, जिससे न्याय के लिए लड़ाई में अवरोधों को पार किया जा सकेगा।

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