इंडिया रेटिंग्स ने कहा, रोजगार सृजन तथा आय बढ़ाने वाला हो बजट, अर्थव्यवस्था की सुस्ती करें दूर

Webdunia
बुधवार, 22 जनवरी 2020 (18:14 IST)
नई दिल्ली। साख निर्धारक तथा बाजार सलाह एवं अध्ययन कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती के कारक निकट भविष्य में दूर होते नहीं दिख रहे और सरकार को बजट में इस प्रकार निवेश करना चाहिए जिससे कि रोजगार सृजन हो तथा लोगों की व्यययोग्य आय बढ़े।
 
एजेंसी की बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अनुमानित 5 प्रतिशत की विकास दर के अगले वित्त वर्ष में मामूली सुधार के साथ 5.5 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है। उसने कहा है कि विकास दर के 5.5 5 प्रतिशत से नीचे रहने का जोखिम बना रहेगा।
 
इंड-रा के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कई कारक हैं। इनमें बैंकों के ऋण उठाव में सुस्ती और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ऋण उठान में अचानक तेज गिरावट, आम लोगों की आमदनी और उनकी बचत में कमी आना तथा फंसी हुई पूंजी से जुड़े विवादों के जल्द निपटारे में समाधान और न्याय प्रणाली की विफलता प्रमुख हैं।
 
एजेंसी ने कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 में कुछ सुधार की उम्मीद है, लेकिन ये सभी नकारात्मक कारक बने रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था कम उपभोग तथा कम निवेश के दौर में उलझी रहेगी। इंड-रा का मानना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए नीतिगत स्तर पर बड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि घरेलू मांग बढ़े और अर्थव्यवस्था ऊंची विकास दर के रास्ते पर दुबारा लौट सके।
 
उसने कहा कि सरकार ने आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए पिछले कुछ समय में कई उपायों की घोषणा की है, लेकिन उनके फायदे मध्यम अवधि में ही सामने आएंगे। इसलिए 1 फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं।
 
उसने कर राजस्व तथा गैर-कर राजस्व में गिरावट की आशंका जताते हुए कहा कि इससे वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। रिजर्व बैंक से प्राप्त अधिशेष राशि को जोड़ने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 3.6 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। बजट में इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। 
 
बजट में कागज पर सीमा शुल्क पर हो बढ़ोतरी : कागज के भारी पैमाने पर आयात से घरेलू उद्योगों के हितों की हिफाजत की दिशा में सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से उत्साहित घरेलू कागज उद्योग ने आगामी बजट में आयातित कागज पर सीमा शुल्क बढ़ोतरी की मांग की है।
 
भारत का कागज उद्योग 70,000 करोड़ रुपए का है। भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में आयातित कागज पहुंचता है। इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) ने बजट से अपनी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि देश में कम या शून्य आयात शुल्क विशेषरूप से मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के प्रावधानों का लाभ उठाते हुए कई बड़े पेपर उत्पादक देश भारतीय बाजार को लक्ष्य बना रहे हैं।
 
आईपीएमए के अनुसार वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए भारतीय पल्प एवं पेपर उद्योग संकट में है। बड़े पेपर उत्पादक देश तेजी से उभरते भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में पेपर और पेपरबोर्ड का निर्यात कर रहे हैं। इन देशों में इंडोनेशिया और चीन शामिल हैं, जहां के मैन्युफैक्चरर्स को निर्यात पर बड़े इन्सेंटिव मिलते हैं, साथ ही उन्हें सस्ता कच्चा माल और ऊर्जा भी उपलब्ध है।
 
आईपीएमए के अध्यक्ष एएस मेहता ने कहा कि पिछले 5-7 साल में घरेलू उद्योग में 25,000 करोड़ रुपए के निवेश से उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बावजूद इसके भारत में पेपर और पेपरबोर्ड का आयात तेजी से बढ़ा है।
ALSO READ: स्वास्थ्य बजट में कम से कम 25 फीसदी वृद्धि किए जाने का सुझाव
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स (डीजीसीआईएंडएस)के आंकड़ों के हवाले से आईपीएमए ने कहा कि पिछले 8 साल में मूल्य के हिसाब से आयात 13.10 प्रतिशत वार्षिक बढ़ा है। यह 2010-11 के 3,411 करोड़ रुपए से बढ़कर 2018-19 में 9,134 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। मात्रा के हिसाब से इसमें 13.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आयात 2010-11 के 5.4 लाख टन से बढ़कर 2018-19 में 14.8 लाख टन हो गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

महाकुंभ के विरोधियों को CM योगी ने दिया यह करारा जवाब

ज्ञानेश कुमार होंगे अगले मुख्य चुनाव आयुक्त, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

CEC के लिए दिए गए नामों पर राहुल गांधी ने जताया विरोध, कांग्रेस ने मोदी सरकार को दिया यह सुझाव

ओडिशा में 5 साल में 44823 लोग हुए लापता, मुख्यमंत्री माझी ने विधानसभा में दिया बयान

SBI MF ने शुरू की JanNivesh SIP, 250 रुपए से कर सकेंगे निवेश

अगला लेख