कोलकाता। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने शुक्रवार को जारी अपनी ताजा आर्थिक शोध रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में वृद्धि को बढ़ावा देना, राजकोषीय मजबूती हासिल करने और खपत को बढ़ाने पर जोर होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बजट में कर रियायतों में कुछ बदलाव हो सकता है, जबकि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत निवेश बढ़ाने के लिए अधिक आवंटन किया जा सकता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, बांड बाजार में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए सकल उधारी को 12,000-13,000 अरब रुपए की सीमा में बनाए रखा जाएगा। इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 6-6.25 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है।
बीओबी की शोध रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ केंद्र का शुद्ध राजस्व 12.2 प्रतिशत और खर्च 4.5 प्रतिशत बढ़ सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले वित्त वर्ष में अपेक्षित विनिवेश आय लगभग 750 अरब रुपए हो सकती है।(भाषा)