राहुल गांधी ने बताया सपा से गठबंधन का राज...

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लखनऊ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शह पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की देश के सामाजिक ताने-बाने को बांटने वाली राजनीति पर लगाम कसने और युवाओं के लिए नए तरीके से प्लेटफार्म खड़ा करने की कवायद के तहत उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है।
    
सपा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पहली बार सार्वजनिक मंच साझा कर रहे गांधी ने भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती की भी जमकर तारीफ की।
     
राहुल ने कहा कि सुश्री मायावती और बसपा संस्थापक कांशीराम का वे निजी तौर पर काफी सम्मान करते हैं। उनकी राजनीति और विचारधारा से देश को खतरा नहीं है लेकिन संघ और भाजपा की राजनीति बांटने वाली है। इससे देश को हर समय खतरा है।
     
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोहरी बात करते हैं। एक तरफ तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करते हैं और दूसरी तरफ पंजाब में सुखबीर सिंह बादल के साथ खड़े नजर आते हैं। मोदी की नीयत साफ नहीं है और जब नीयत साफ नहीं रहती तो इंसान पर भरोसा करना मुश्किल होता है।
    
इस अवसर पर यादव, गांधी को 2019 में गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने से बचते नजर आए जब उनसे पूछा गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आपको गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा मान लिया है तो क्या 2019 में इन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को चुनाव प्रचार के लिए निकालने संबंधी सवाल के जवाब को भी मुख्यमंत्री टाल गए।
 
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा सही समय पर जवाब दिया है। 1857 में कम्पनी राज को जिस तरह इस प्रदेश ने जवाब दिया था उसी तरह यह राज्य बांटने की राजनीति करने वालों को चुनाव में जवाब देगा। कांग्रेस और सपा के गठबंधन को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में भाईचारा बढ़ेगा, प्रदेश आगे जाएगा। गठबंधन को बनाने में उनके यादव से निजी संबंध ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
       
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अच्छा काम किया है। इस राज्य में युवाओं की सोच आगे आई है। इसे आगे बढ़ाने के लिए दोनों ने हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर संघ की जनता में क्रोध पैदा करने की राजनीति रोकेंगे। क्रोध की राजनीति से जनता का ही नुकसान होता है। हम दोनों मिलकर युवाओं को एक विकल्प देना चाहते हैं। दोनों ही समानता के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस गठबंधन को भविष्य में भी बढ़ाया जाएगा।
       
उन्होंने कहा, 'यूपी को ये साथ पसंद है' और 'काम बोलता है', यह दोनों नारे मिलेंगे तो परिणाम बहुत ही अच्छा आएगा। गांधी और यादव के संयुक्त रुप से चुनाव प्रचार करने की तरह सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव के भी प्रचार करने सम्बन्धी सवाल पर उन्होंने कहा, रणनीति नहीं बताऊंगा। सभी का आशीर्वाद हम लोगों के साथ है। हम लोगों की गंगा-जमुनी संस्कृति है। इस संस्कृति को मानने वाले सभी लोग हमें सफल देखना चाहते हैं। यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है। गुस्से को प्रोत्साहित करने वालों को दरकिनार करवाकर भाईचारा, प्रगति और प्यार बढ़ाना है।
 
राहुल ने कहा कि वे गठबंधन के माध्यम से उत्तर प्रदेश को बदलने जा रहे हैं। गरीबों की राजनीति में मनोबल उठाकर उन्हें आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री और संघ की बांटने की राजनीति सफल नहीं होने देंगे। इस प्रदेश को पीछे नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की नीयत साफ है। उनके और मेरे दिल में यह हमेशा रहता है कि उत्तर प्रदेश को कैसे बदलें, जबकि मोदी कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं।
        
उन्होंने मोदी से सवाल किया कि यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की वास्तव में नीयत साफ है तो वह और उनकी पार्टी पंजाब में सुखबीर सिंह बादल के साथ क्यों खड़े हैं? पूरा देश जानता है कि अकाली दल के मुखिया के परिवार पर भ्रष्टाचार के कितने आरोप हैं?
       
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल और मैं एक-दूसरे को जानते हैं। उन्हें खुशी है कि उत्तर प्रदेश को बढ़ाने में दोनों को मिलकर काम करने का मौका मिला है। देश को उत्तर प्रदेश ही रास्ता दिखाता है। इस राज्य ने कई प्रधानमंत्री दिए हैं। सपा और कांग्रेस का गठबंधन अब 'प्यूपिल एलायंस' बनकर उभरेगा।
 
यादव ने कहा कि लोग चाहते हैं कि गठबंधन सफल हो। गठबंधन को 300 से अधिक सीटें मिलेंगीं। गठबंधन की सरकार बनी तो काम बहुत तेजी से होगा। लोगों में भरोसा पैदा होगा और बांटने की राजनीति खत्म होगी। उनका कहना था कि 'साइकिल' को 'हाथ' का साथ मिल गया है। अब स्पीड और तेज होगी।
       
उन्होंने कहा कि दोनों (राहुल और अखिलेश) की उम्र में ज्यादा फासला नहीं है। सोच भी बराबर है। दोनों  ही विकास और खुशहाली चाहते हैं। जनता ने गठबंधन को जिताने का मन बना लिया है। जिन लोगों ने आम आदमी को कतार में खड़ा कर दिया, वे ही भाजपा और उनके सहयोगियों को जवाब देंगे। आने वाले समय में राहुल और मैं दोनों मिलकर देश को खुशहाल बनाएंगे।
        
संवाददाता सम्मेलन के बाद दोनों ने हजरतगंज में स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद दोनों ने ही बगल में स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रोड शो की शुरुआत की। रोड शो के लिए बस को 'यूपी विजय रथ' में तब्दील किया गया था। रोड शो हजरतगंज, हलवासिया मार्केट, लालबाग, कैसरबाग, अमीनाबाद, नजीराबाद, नक्खास, चौक और घंटाघर होते हुए चौक स्टेडियम पहुंचा।
       
यूपी विजय रथ पर एक तरफ सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव का चित्र बना हुआ था जबकि दूसरी ओर राहुल गांधी और अखिलेश यादव के चित्र बने थे। रोड शो के दौरान सड़क के दोनों ओर सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता और काफी संख्या में जनसामान्य मौजूद था। दोनों नेताओं को देखने आई भीड़ तरह-तरह की राजनीतिक चर्चा भी कर रही थी। (वार्ता) 
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