कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के जाजमऊ गंगा पुल से अखिलेश यादव ने विजय रथयात्रा की आज दोपहर शुरुआत कर दी और 2022 के लिए चुनावी बिगुल कानपुर से फूंक दिया।विजय रथयात्रा को नोटबंदी के समय कानपुर देहात के झींझक में जन्मे खजांची नाथ ने विजय रथयात्रा को पार्टी का झंडा दिखाकर रवाना कराया।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रथ पर सवार होने के बाद हाथ हिलाते हुए सभी का अभिनंदन किया तो कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की।इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में जब-जब सपा की विजय यात्रा निकली है, तब-तब प्रदेश में परिवर्तन आया है।
उन्होंने कहा, रथयात्रा के माध्यम से किसानों और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगे।उन्होंने कहा कि लखीमपुर में किसानों के साथ कानून को भी कुचला गया है।उन्होंने कहा कि कानपुर यूपी का औद्योगिक शहर है, यहां पर सरकार ने उद्योगों को ठप कर दिया है। इसलिए यात्रा की शुरुआत कानपुर से की गई है।
एक झलक पाने की लगी होड़ : कार्यकर्ताओं में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की एक झलक पाने की होड़ लगी रही।उनका काफिला लखनऊ से उन्नाव होकर कानपुर जाजमऊ पुल पर पहुंचा तो मिलने के लिए सपाइयों में धक्कामुक्की शुरू हो गई। वहीं हाईवे पर भी जाम की स्थिति बन गई लेकिन पुलिस ने एक लेन से दोनों छोर के वाहनों को निकालना शुरू कराया।सपा कार्यकर्ता विजय रथ के साथ सेल्फी लेते रहे।
नौबस्ता में रुका अखिलेश का विजय रथ : विजय रथयात्रा जाजमऊ से लेकर नौबस्ता चौराहे पहुंची, तभी कार्यकर्ताओं ने रथ को घेर लिया और फूल बरसाने शुरू कर दिए।एक बजकर पांच मिनट पर रथ नौबस्ता चौराहा पहुंचा। इस बीच रथ पर चढ़कर जनता व कार्यकर्ताओं का हाथ जोड़कर अभिनंदन किया गया।इस दौरान 10 मिनट रथ रुका रहा।