लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तरप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद वह मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (SP) के शासनकाल में प्रबुद्ध वर्ग विशेषकर ब्राह्मण समाज के उत्पीड़न संबंधी मामलों की जांच के लिए आयोग का गठन करेंगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के पहले चरण के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री मायावती ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी 2007 की तरह 2022 के चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। इन चुनाव में बसपा की जीत में भरोसेमंद दलित,पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के अलावा भाजपा सरकार की धोखाधड़ी के शिकार ब्राह्मण समेत अन्य अगड़ी जातियों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
अपनी सरकार के कार्यकाल में मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण को लेकर आलोचना झेलने वाली बसपा प्रमुख ने कहा “ समतामूलक समाज के पैरोकार दलित एवं आदिवासी संतों की मूर्तियों की स्थापना,स्मारकों और पार्क के निर्माण का उनका एजेंडा पूरा हो चुका है। इस बार सत्ता में आने पर उनका पूरा ध्यान प्रदेश के विकास और जनपयोगी कार्ययोजनाओं को पूरा करना होगा जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े और खुशहाली आए।
उन्होने कहा कि यदि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो भाजपा और सपा के शासनकाल के दौरान उत्पीड़न के सभी मामलों की जांच के लिए आयोग गठित किया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
अपने करीब 50 मिनट के संबोधन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार को कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर घेरते हुए दावा किया कि झूठे वादों के झांसे में आए ब्राह्मण वर्ग भाजपा के शासनकाल में भय में जी रहा है। उन्होने कहा कि पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के दूसरे चरण में प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं में ब्राह्मण समुदाय के 1000 महिला एवं 1000 पुरूष कैडर तैयार करेंगे।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत हिन्दू और मुस्लिमों के पूर्वज एक ही होने की बात करते हैं तो फिर आरएसएस का रवैया मुस्लिम विरोधी क्यों होता है। मुस्लिमो के मुद्दे पर उन्होने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान सपा और कांग्रेस की भूमिका शर्मनाक थी जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
बसपा अध्यक्ष ने दावा किया कि यूपी में उनकी पार्टी ने चार बार अपनी सरकार बनायी और हर बार उनकी पार्टी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के सिद्धांत पर चली। उन्होने कभी भी कानून व्यवस्था,भ्रष्टाचार के मामले में समझौता नहीं किया। उन्होने कहा “ मै वादा करती हूं कि सत्ता में आने पर इसी सिद्धांत का पालन किया जाएगा और हर जाति,संप्रदाय और वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा जैसा कि 2007 की सरकार में बसपा ने किया था।”
उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम का आयोजन पहले रमाबाई अंबेडकर मैदान पर किए जाने की योजना थी मगर योगी सरकार के पक्षपाती रवैए को देखते हुए इसे टाल दिया गया और पार्टी कार्यालय में इस आयोजन को करना पडा। मायावती के संबोधन के बाद पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने शंख और जय परशुराम के नारों के बीच अपनी बात लोगों के बीच रखी। इससे पहले बसपा मुखिया को त्रिशूल,शंख और पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया। (वार्ता)