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काउंटिंग से पहले वाराणसी में EVM पकड़े जाने पर सियासी भूचाल, SP ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

हमें फॉलो करें काउंटिंग से पहले वाराणसी में EVM पकड़े जाने पर सियासी भूचाल, SP ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

हिमा अग्रवाल

, मंगलवार, 8 मार्च 2022 (23:12 IST)
वाराणसी। वाराणसी में EVM पकड़े जाने पर बवाल मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हुए हैं। इन लोगों का आरोप है कि शहर के दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में प्रशासन ईवीएम को बदलने की कोशिश कर रहा है। वाराणसी में मतदान के 24 घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पहड़िया मंडी में बने मतगणना केंद्र के बाहर मंगलवार की जमकर हंगामा किया है। हंगामे के चलते कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है।
 
मंगलवार शाम को सपाइयों ने पहडिया मंडी के बाहर गाड़ियों के अंदर रखी EVM को पकड़ा और आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर पुलिस-प्रशासन शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के ईवीएम को बदलने के प्रयास कर रहा है। हालांकि इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी/कलेक्टर कौशलराज शर्मा ने इन आरोपों को निराधार बताया है। लेकिन इसके बावजूद मतगणना स्थल के बाहर सपा-सुभासपा कार्यकर्ताओं का धरना चल रहा है।

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उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का 7वां और अंतिम चरण 7 मार्च को समाप्त हो गया। अंतिम चरण का चुनाव प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी हुआ। 7 मार्च को मतदान पूरा होने के बाद आठों विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम मशीनों को पहड़िया मंडी के स्ट्रांग रूम में रखा गया है। लेकिन इस मतगणना स्थल के बाहर मंगलवार की शाम 4 गाड़ियां मंडी परिसर से बाहर आईं। इन गाड़ियों में से एक गाड़ी बैरिकेडिंग से टकरा गई। गाड़ी टकराने की आवाज सुनते ही मतगणना स्थल के बाहर निगरानी के लिए बैठे सपाई भौंचक्के रह गए। जैसे ही वह गाड़ी के पास पहुंचे तो उसमें में ईवीएम रखी दिखाई दी।

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समाजवादी कार्यकर्ताओं ने गाड़ी में ईवीएम देखते ही गाड़ी को चारों तरफ घेर लिया। देखते ही देखते यह खबर सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गईं और सपा और सुभासपा कार्यकर्ता पहड़िया मंडी पहुंचकर हंगामा करते हुए मतगणना स्थल के बाहर धरने पर बैठ गए है। शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार किशन दीक्षित और बीजेपी प्रत्याशी व यूपी के मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी के बीच कड़ा मुकाबला है।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि किशन दीक्षित इस सीट पर भारी मतों से जीत हासिल करेंगे। भाजपा को शिकस्त मिलेगी। भाजपा अपने प्रत्याशी को हार से बचाने के लिए प्रशासन से ईवीएम मशीन बदलवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सपा का प्रत्येक कार्यकर्ता दिन-रात पहरा देकर ऐसा होने नहीं देगा।
 
मंगलवार रात को पहडिया मंडी के स्ट्रांग रूम के बाहर पुलिस-प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी हो रही है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें स्ट्रांग रूम के बाहर चौकीदारी की इजाजत दी जाए। वहीं वाराणसी में ईवीएम लदी गाड़ी के मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार और यहां के डीएम पर कई आरोप लगाए। अखिलेश यादव ने कहा कि काउंटिंग से पहले ही बेईमानी की तैयारी हो रही है।
 
अखिलेश ने प्रश्न उठाते हुए कहा है कि प्रशासन बताए कि ये ईवीएम लदीं 3 गाड़ियां कहीं भेजी जा रही थी क्या? हमारे सजग कार्यकर्ताओं ने 1 गाड़ी पकड़ ली जबकि 2 गाड़ियां वहां से भाग गईं। हैरत की बात तो यह है कि मतगणना स्थल पर रखी ईवीएम मशीनों की निगरानी के लिए इतनी फोर्स लगा रखी है और फोर्स के बाद भी ऐसा कैसे हो रहा है? उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा ईवीएम गाड़ी में इधर से उधर कैसे जा रही है? ईवीएम को ले जाने के लिए गाइडलाइन बनी हुई है। यदि आपको ईवीएम मूव कराना है तो प्रत्याशियों को सूचना देनी होगी कि ईवीएम को वहां से कहां ले जाया जा रहा है?
 
इस संबंध में वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा है कि इन सभी EVM का चुनाव से संबंध नहीं है। यह EVM 10 मार्च को होने वाली मतगणना के लिए लगे कर्मियों को बुधवार को ट्रेनिंग के लिए खाद्य गोदाम से यूपी कॉलेज लाई जा रही थीं लेकिन कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन को रोककर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कहकर अफवाह फैलाई है।
 
वाराणसी में मतदान के मात्र 24 घंटे के अंदर ईवीएम मशीन बदलने का आरोप लग गया है। गाड़ी में ईवीएम भी मिली है। वहीं सोनभद्र में 2 गाड़ियों में खाली बैलेट पेपर स्याही और मुहर मिली है, जो सपा कार्यकर्ताओं को योगी सरकार और प्रशासन की मंशा पर आंखे तरेरने को मजबूर कर रही है। लेकिन प्रश्न यह भी है कि जहां पर लगभग 1 महीने पहले चुनाव हुए हैं, वहां रखी ईवीएम कितनी सुरक्षित रही होगी?

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