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जिन्‍ना वाले बयान पर अड़े राजभर, बंटवारे के लिए अब RSS को बताया जिम्मेदार

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, गुरुवार, 11 नवंबर 2021 (15:58 IST)
बलिया (उप्र)। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) है। राजभर ने यह भी कहा कि देश को आजादी दिलाने में जिन्ना का भी योगदान है और वह देश के लिए लड़े थे।
 
राजभर ने पीटीआई से बातचीत के दौरान अपने उस रुख पर कायम रहे कि यदि जिन्ना को आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो कोई बंटवारा नहीं होता। उन्होंने कहा कि उस स्थिति में भारत बड़ा देश होता तथा तमाम तरह की समस्या भी उत्पन्न नहीं होतीं।
 
उन्होंने कहा कि भारत के बंटवारे के दोषी जिन्ना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है। विवाद की स्थिति संघ ने ही पैदा की थी। अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और गोविंद बल्लभ पंत सरीखे नेता जिन्ना की प्रशंसा करते रहे हैं। देश को आजादी दिलाने में जिन्ना का भी योगदान है, वह देश के लिए लड़े थे। आजादी मिलने के बाद जिन्ना को प्रधानमंत्री बना देना चाहिए था। उत्तरप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने बुधवार को कहा था कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना को भारत का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता।
 
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गत 31 अक्टूबर को हरदोई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना बैरिस्टर बने, देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और कभी इससे पीछे नहीं हटे। सपा अध्यक्ष के इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सपा को घेरा और तभी से उत्तर प्रदेश में जिन्ना पर राजनीति शुरू हो गयी है। बाहुबली से नेता बने मुख्तार अंसारी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर राजभर ने कहा कि भाजपा नेताओं ने ही अंसारी को विधायक बनने में मदद की। राजभर ने बादा जेल में बंद अंसारी से हाल में मुलाकात की थी।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने मुख्तार अंसारी को जीत दिलाई। राजभर ने कहा कि उनके पास अपने दावों के पक्ष में सुबूत हैं। राजभर ने यह भी कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव जल्द ही फिर एक हो जाएंगे। शिवपाल ने सपा से अलग होकर नयी पार्टी गठित की थी। उन्होंने कहा कि जब शिवपाल यादव अपने दल का सपा में विलय करने को तैयार हैं तो फिर दोनों नेताओं के साथ आने में कोई समस्या नहीं है।

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