Festival Posters

क़तआत : रूपायन इन्दौरी

Webdunia
कुछ करम में कुछ सितम में बाँट दी
कुछ सवाल-ए-बेश-ओ-कम में बाँट दी
ज़िन्दगी जो आप ही थी क़िब्लागाह
हम ने वो देर-ओ-हरम में बाँट दी

शाम का वक़्त है शिवाले में
दीप जलते हैं आरती के लिए
उसी मन्दिर में एक नन्हा दिया
टिमटिमाता है रोशनी के लिए

जो क़दम है वो हस्बे-हाल रहे
और फिर उसपे तेज़ चाल रहे
देश की ख़ैर चाहने वालों
आग जंगल की है ख़्याल रहे

पहले ये ख़ौफ़ था मेरे दिल में
तुमने ठुकरा दिया तो क्या होगा
अब में इस फ़िक्र में परेशाँ हूँ
तुमने अपना लिया तो क्या होगा

हादिसों से गुज़र चुके थे हम
मुश्किलों से उभर चुके थे हम
अपना होने का जब हुआ एहसास
ज़िन्दगी ख़त्म कर चुके थे हम
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Toilet Vastu Remedies: शौचालय में यदि है वास्तु दोष तो करें ये 9 उपाय

डायबिटीज के मरीजों में अक्सर पाई जाती है इन 5 विटामिन्स की कमी, जानिए क्यों है खतरनाक

एक दिन में कितने बादाम खाना चाहिए?

Vastu for Toilet: वास्तु के अनुसार यदि नहीं है शौचालय तो राहु होगा सक्रिय

Winter Health: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो अपने खाने में शामिल करें ये 17 चीजें और पाएं अनेक सेहत फायदे

सभी देखें

नवीनतम

Maharaja Chhatrasal: बुंदेलखंड के महान योद्धा, महाराजा छत्रसाल, जानें उनसे जुड़ी 10 अनसुनी बातें

Armed Forces Flag Day 2025: सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और उद्देश्य

Ambedkar philosophy: दार्शनिक और प्रसिद्ध समाज सुधारक डॉ. बी.आर. अंबेडकर के 10 प्रेरक विचार

Dr. Ambedkar Punyatithi: डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि, जानें उनके जीवन के 10 उल्लेखनीय कार्य

अयोध्या में राम मंदिर, संपूर्ण देश के लिए स्थायी प्रेरणा का स्रोत