नज़्म : इलेक्शन

Webdunia
शायर - सूरज तनवीर

WDWD
हर इक कह रहा है मेरे वोटरों, मुझे वोट दो, तुम मुझे वोट दो
दलीलें हैं सब की बहुत ख़ुशनुमा, हर इक गोया हक़दार है वोट का
बड़े मख़मसे में हैं वोटर फँसे, किसे वोट दें और वादा किसे
जो वोटर हैं बेचारे सादा सुभाव, मुसीबत है उनके लिए ये चुनाव
वो बेचारे किस की हिमायत करें, किसे वोट दें किस की हामी भरें
अगर इस तरफ़ उनका फ़रज़न्द है, उधर भी तो उनका जिगर बन्द है
जँवाई इधर है नवासा उधर, इधर भांजा है भतीजा उधर
अभी साला उठ के गया भी न था, कोई लेके बेहनोई को आ गया
अजब कश्मकश में है वोटर का दिल, बहुत ही परेशाँ बहुत मुज़महिल
सहर से है ता शाम तांता बँधा, उठा एक और आ गया दूसरा
कभी तज़किरा क़ौमी हालात का, कभी ज़िक्र सेलाब-ओ-बरसात का
ग़रज़ हैं इलेक्शन की बातें अजब, कहें तो ग़ज़ब न कहें तो ग़ज़ब
कहाँ तक करे कोई इनका बयाँ, है शैतान की आँत ये दास्ताँ
मुझे तो नहीं फिर भी कुछ पेश-ओ-पस, मगर ताब-ए-गुफ़तार कहती है बस

पेशकश : अज़ीज़ अंसारी

Show comments

विमान निर्माता बोइंग है ऊंची दुकान, फीके पकवान

बारिश के मौसम पर सबसे खूबसूरत 10 लाइन

क्या कोलेस्ट्रॉल में आलू खाना सही है? जानिए आलू खाना कब नुकसानदायक है?

इन 5 लोगों को नहीं खाना चाहिए चॉकलेट, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

कैसे होती है विश्व युद्ध की शुरुआत, जानिए क्या हर देश का युद्ध में हिस्सा लेना है जरूरी

ईरानी यूरेनियम बना पहेली, डोनाल्ड ट्रंप के दावे में कितना है दम

विश्व मधुमेह जागरूकता दिवस 2025: डायबिटीज से बचना चाहते हैं? इन 7 आदतों को आज ही अपनाएं

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मददगार हैं आसानी से मिलने वाले ये 9 आयुर्वेदिक हर्ब्स

बाल कविता: मैं और मेरी दुनिया

ये है मोबाइल के युग में किताबों का गांव, पढ़िए महाराष्ट्र के भिलार गांव की अनोखी कहानी