चकबस्त के अशआर

Webdunia
पेशकश : अज़ीज़ अंसारी

है मेरा ज़ब्ते-जुनूँ, जोशे-जुनूँ से बढ़कर
नंग है मेरे लिए चाक गरेबाँ होना

* क़िस्से लिक्खे हुए हैं जो फ़रहाद-ओ-क़ैस के
खोए हुए वरक़ वो मेरी दास्ताँ के हैं

* आशिक़ भी हूँ, माशूक़ भी ये तुरफ़ा मेरा है
दीवाना हूँ मैं जिसका वो दीवाना है मेरा

* हज़ारों जान देते हैं बुतों की बेवफ़ाई पर
अगर इनमें से कोई बावफ़ा होता तो क्या होता

* वो गुलशन की फज़ा और चा ँदनी का वो निखर जाना
वो बढ़कर गेसू-ए-लैला-ए-शब का ता कमर जाना

* जवानी में इसी को इबतिदा-ए-इश्क़ कहते हैं
दवा की फ़िक्र करना तालिबे-दर्दे-जिगर जाना

* आप माशूक़ हैं, क़ातिल नहीं, जल्लाद नहीं
दिल दुखाने के लिए हुस्ने-ख़ुदादाद नहीं

* इत्र अफ़शाँ मेरे वीराने में आई है नसीम
क्या किसी महबूब के गेसू परेशाँ हो गए
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

खून की कमी से आंखों पर ऐसा पड़ता है असर, जानें क्या हैं लक्षण

इस नेचुरल टूथपेस्ट के आगे महंगे टूथपेस्ट भी हो जाते हैं फेल

Blackheads से हो गए हैं परेशान तो ट्राई करें बेसन के ये 3 उपाय

इन संकेतों से जानें कि आ गया है तकिया बदलने का समय, क्या होंगे इसके फायदे

इन 5 लोगों को ज़रूर करवाना चाहिए Pedicure, सेहत के लिए है फायदेमंद

सभी देखें

नवीनतम

आलू का चोखा खाकर हो गए हैं बोर तो ट्राई करें ये 3 तरह का चोखा, वजन भी रहेगा कंट्रोल

कमर दर्द से हैं परेशान तो नहाने के तरीके में कर दें ये बदलाव, जानें 5 टिप्स

Organza Suit में किसी पारी से कम नहीं दिखेंगी आप! जानें कैसे करें स्टाइल

बार-बार हो जाती है वेजाइना में खुजली, इन 3 उपायों से मिनटों में पाएं आराम

बच्चों की कविता : चाय न आई हाय !

More