जाँनिसार अख्तर के मुनफ़रिद अशआर

Webdunia
1. ये ठीक है कि सितारों पे घूम आए हम
मगर किसे है सलीक़ा ज़मीं पे चलने का

2. हमने बरसों इन्ही ज़र्रों से मोहब्बत की है
चाँद तारों से तो कल आँख लड़ी है य ार ो

3. आँखों में जो भर लोगे तो कांटों से चुभेंगे
ये ख्वाब तो पलकों पे सजाने के लिए हैं

4. हमने उन तुन्द हवाओं में जलाए हैं चिराग़
जिन हवाओं ने उलट दी हैं बिसातें अक्सर

5. मैं चाहे सच ही ब ोलूँ हर तरह से अपने बारे में
मगर तुम मुस्कुराती हो तो झूटा हो सा जाता हूँ

6. टूटी-टूई सी हर आस लगे
ज़िन्दगी राम का बनवास लगे

7. कुछ समझ कर ही खुदा तुझको कहा है वरना
कौन सी बात कही इतने यक़ीं से हमने
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

गर्मियों में आइस एप्पल खाने के फायदे, जानें क्यों कहलाता है सुपरफ्रूट

ग्रीन टी में चीनी डालना चाहिए या नहीं? जानिए क्या है सुझाव

जंग पर लिखे गए दमदार शेर और शायरी, जरूर पढ़ें

बाजार से बढ़िया और स्वादिष्ट आइसक्रीम घर पर कैसे बनाएं, पढ़ें मजेदार रेसिपी

शहीद किस भाषा का शब्द है, जानिए हिंदी में शहीद को क्या कहते हैं

सभी देखें

नवीनतम

Opration sindur: बुद्ध के देश में युद्ध का विकल्प भी खुला है, पाक को मोदी की वार्निंग

आज का चटपटा चुटकुला : तुम कमाते क्या हो?

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

40 के बाद भी 25 जैसा ग्लो चाहिए? ये आसान योगासन करेंगे आपकी मदद

प्रेम कविता : तुम्हारा जाना