ग़ालिब के अशआर और उनके माअनी

Webdunia
नक़्श फ़रयादी है किस की शोख़िए तहरीर का,
कागज़ी है पैरहन हर पैकर-ए-तस्वीर का ।

ख़ुदा की बनाई हुई हर चीज़ फ़ना होने वाली है। हर चीज़, हर तस्वीर का लिबास काग़ज़ का है जो कभी भी जल सकता है, गल सकता है, फ़ना हो सकता है।

कावे कावे सख़्त जानी हाय तन्हाई न पूछ,
सुबह करना शाम का, लाना है जू-ए-शीर का।

मैं जिन मुश्किलों और मुसीबतों से अपने अकेलेपन को, अपनी तन्हाई को गुज़ार रहा हूँ वो किसी को क्या बताऊँ? ये काम इतना मुश्किल है जैसे पहाड़ खोद कर दूध की नहर निकाल कर लाना।

जज़बा-ए-बेइख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिए,
सीना-ए-शम्शीर से बाहर है दम शम्शीर का।

मुझे शहीद होने का, क़त्ल होने का इतना ज़बरदस्त शौक़ है के क़ातिल की तलवार भी बेक़ाबू हो गई है और उसका दम बाहर निकला आ रहा है, के कब इसे क़त्ल कर डालूँ।

बस के हूँ ग़ालिब! असीरी में भी आतिश ज़ेर-ए-पा
मू-ए-आतिश दीदा है हलक़ा मेरी ज़ंजीर का।

मैं क़ैद में हूँ और बेचैनी की आग में ऐसा जल रहा हूँ के मेरे पैरों की ज़ंजीर का हर बल एक जले हुए बाल की तरह हो गया है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

वीरांगना की अमर गाथा: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि, पढ़ें 10 ऐतिहासिक विचार

'हर बेटी में है लक्ष्मीबाई', पढ़ें रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर 15 बेहतरीन स्लोगन

हनुमंत सदा सहायते... पढ़िए भक्तिभाव से भरे हनुमान जी पर शक्तिशाली कोट्स

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे