✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
अहमद फ़राज़ की ग़ज़लें
Webdunia
1.
ND
ND
वो दुशमने-जाँ, जान से प्यारा भी कभी था
अब किससे कहें कोई हमारा भी कभी था
उतरा है रग-ओ-पै में तो दिल कट सा गया है
ये ज़ेहरे-जुदाई के गवारा भी कभी था
हर दोस्त जहाँ अबरे-गुरेज़ाँ की तरह है
ये शहर यही शहर हमारा भी कभी था
तित्ली के तअक़्क़ुब्में कोई फूल सा बच्चा
ऎसा ही कोई ख्वाब हमारा भी कभी था
अब अगले ज़माने के मिलें लोग तो पूछें
जो हाल हमारा है तुम्हारा भी कभी था
हर बज़्म में हमने उसे अफ़सुर्दा ही देखा
कहते हैं फ़राज़ अंजुमन आरा भी कभी था
2.
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उसके शहर मेंकुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से
सो अपने आपको बरबाद कर के देखते हैं
सुना है दर्द की गाहक है चश्मे-नाज़ उसकी
सो हम भी उसकी गली से गुज़र के देखते हैं
सुना है उसको भी है शे'र-ओ-शायरी से शग़फ़
सो हम भी मोजज़े अपने हुनर के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है
सितारे बामे-फ़लक से उतर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है हश्र हैं उसकी ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उसको हरन दश्त भर के देखते हैं
सुना है आईना तमसाल है जबीं उसकी
जो सादा दिल हैं उसे बन-संवर के देखते हैं
सुनाहै उसके बदन की तराश ऐसी है
के फूल अपनी क़बाएं कुतर के देखते हैं
बस इक निगाह से लुटता है क़ाफ़िला दिल का
सो रेहरवाने-तमन्ना भी डर के देखते हैं
सुना है उसके शबिस्ताँ से मुत्तसिल है बहिश्त
मकीं उधर के भी जलवे इधर के देखते हैं
रुके तो गर्दिशे उसका तवाफ़ करती हैं
चले तो उसको ज़माने ठहर के देखते हैं
किसे नसीब के बे पैरहन उसे देखे
कभी कभी दर-ओ-दीवार घर के देखते हैं
कहानियाँ ही सही सब मुबालग़े ही सही
अगर वो ख़्वाब है, ताबीर कर के देखते हैं
अब उसके शहर में ठहरें के कूच कर जाएँ
फ़राज़ आओ सितारे सफ़र के देखते हैं
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
दादी-नानी की भोजन की ये 8 आदतें सेहत के लिए हैं बहुत लाभकारी
ये है सनबर्न का अचूक आयुर्वेदिक इलाज
गर्मियों में ट्राई करें ये 5 लिपस्टिक शेड्स, हर इंडियन स्किन टोन पर लगेंगे खूबसूरत
गर्मियों में हाथों को खूबसूरत बनाएंगे ये 5 तरह के नेल आर्ट
आखिर भारत कैसे बना धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुरक्षित ठिकाना
सभी देखें
नवीनतम
हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड
गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?
कैसे बनाएं बीटरूट का स्वादिष्ट चीला, नोट करें रेसिपी