लिपट जाता हूं मां से...मुनव्वर राना

Webdunia
बुधवार, 26 नवंबर 2014 (17:56 IST)
लिपट जाता हूं मां से और मौसी मुस्कुराती है,
मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं, हिन्दी मुस्कुराती है

उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूंढती होगी,
तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है,

तभी जा कर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है,
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है
चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है,
कली जब सो के उठती है, तो तितली मुस्कुराती है

हमें ऐ ज़िन्दगी तुझ पर हमेशा रश्क आता है,
मसाइल से घिरी रहती है, फिर भी मुस्कुराती है

 मुनव्वर राना
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वैलेंटाइन डे डेट से पहले dull लग रही है स्किन? सिर्फ 5 मिनट में पाएं पार्लर जैसा ग्लो

इस बार वेलेंटाइन पर अपनी पार्टनर को दें हेल्थ केयर से जुड़े ये खास गिफ्ट्स

valentine day 2025: नई-नई हुई है शादी तो ऐसे बनाएं वेलेंटाइन डे को खास

तनाव को कम करने के लिए मजे से पीजिए ये चाय, ऐसे करती है असर

डाइजेशन का रखना है बेहतर तो डाइट में जरूर शामिल करें ये फ्रूट्स

सभी देखें

नवीनतम

शिवाजी महाराज पर रोचक निबंध

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

प्रेम कविता : गुमनाम पुल अच्छे थे

वेलेंटाइन डे की विश कैसे करें?

छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास का दर्शन कराते हैं महाराष्ट्र के ये किले, परिवार के साथ जाएं घूमने