वॉशिंगटन। जो बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली तथा अपने पहले भाषण में स्पष्ट कर दिया कि वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।
बाइडेन ने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में कहा कि मतभेद रहेंगे, यही लोकतंत्र है, लेकिन मतभेद विभाजन की सीमा तक नहीं बढ़ना चाहिए। मैं पूरे अमेरिका का राष्ट्रपति हूं। उन्होंने इस मौके को 'लोकतंत्र की घड़ी ' बताते हुए कहा कि इस समय संकट और चुनौतियां बहुत हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के रूप में ही हम इसका सामना कर सकते हैं। उन्होंने इसमें 'संयुक्त' शब्द पर विशेष जोर दिया।
डेमोक्रेटिक नेता बाइडेन (78) को प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल बिल्डिंग के वेस्ट फ्रंट में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस बार समारोह में कम लोगों को आमंत्रित किया गया।
भारतीय मूल की कमला हैरिस ने ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बुधवार को अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हैरिस (56) अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति हैं।
कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मिलकर हम इस संकट से पार पा लेंगे। उन्होंने हाल में यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी हिंसा कभी नहीं होगी। सत्ता और लाभ के लिए बहुत सारे झूठ बोले गए।
उन्होंने कहा कि हमें एक-दूसरे का हाथ पकड़ने की जरूरत है। यह परीक्षा का समय है और हमें आगे चलना होगा। उन्होंने कोरोना से जान गंवाने वाले अमेरिकियों को लेकर कहा कि जिन 4 लोगों ने जान गवाई, उन्हें श्रद्धांजलि। बाइडेन ने कोरोना से जान गंवाने वालों के लिए मौन रखा। अपने भाषण का अंत उन्होंने 'धन्यवाद अमेरिका' कहकर किया।