PPF account : अगर आप अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं तो आपको एक पीपीएफ खाता जरूर खुलवाना चाहिए। इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है। आपको यह बताना होता है कि हर माह आप कितना पैसा कटाना चाहते हैं, यह राशि आपके बैंक खाते से हर माह कट जाती है।
पीपीएफ नियमों में क्या हुए बदलाव : अगर आपने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के नाम से पीपीएफ अकाउंट खोला है तो जब तक 18 वर्ष की आयु नहीं हो जाती तब तक अकाउंट पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की दर से ब्याज मिलेगा। 18 की उम्र के बाद ही पीपीएफ की ब्याज दर लागू होगी।
पीपीएफ में दूसरा बदलाव ये है कि अगर किसी ने एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट खोला है तो प्राइमरी खाते पर मौजूदा ब्याज दर लागू होगी और सेकेंडरी अकाउंट को प्राइमरी अकाउंट में मर्ज कर दिया जाएगा। अतिरिक्त राशि बगैर ब्याज के वापस की जाएगी। 2 से अधिक अतिरिक्त खातों पर उनकी ओपनिंग की तारीख से कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
इस स्कीम में तीसरा बदलाव NRI को लेकर है कि ऐसे एक्टिव NRI जिनके PPF अकाउंट्स 1968 के अंतर्गत खोले गए, जहां फॉर्म एच में खाताधारक की निवास स्थिति के बारे में विशेष रूप से नहीं पूछा गया है। ऐसे खाताधारकों को 30 सितंबर तक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट (POSA) ब्याज मिलेगा।
ऐसे खुलवाया जा सकता है पीपीएफ खाता : पीपीएफ अकाउंट सरकारी और निजी बैंक की किसी भी शाखा में या बैंक की वेबसाइट के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में भी पीपीएफ अकाउंट ओपन करवाने की सुविधा मिलती है। कोई भी भारतीय नागरिक पीपीएफ अकाउंट ओपन करवा सकता है। अकाउंट ओपन करवाने के लिए आईडी, एड्रेस प्रूफ, दो पासपोर्ट साइज की फोटो और पे स्लिप की जरूरत पड़ेगी।
इन 6 वजहों से हर व्यक्ति को पीपीएफ में जरूर निवेश करना चाहिए...
जोखिम रहित निवेश : पीपीएफ में निवेश 15 सालों के लिए होता है। यह अवधि पूरी होने के बाद निवेश को पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें जब आप निवेश करते हैं, तो यह रकम नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड में जमा होती है और इसे सरकार द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। अत: पीपीएफ में निवेश की गई रकम के डूबने का कोई जोखिम नहीं होता है।
टैक्स में छूट का प्रावधान : ईपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना को छोड़ दें तो पीपीएफ निवेश का एकमात्र ऐसा विकल्प है, जिसमें जमा, निकासी और मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है। साथ ही 80C के तहत पीपीएफ के लिए सालाना जमा की गई अधिकतम 1.5 लाख रुपए की रकम भी टैक्स नहीं लगता है। हालांकि इस निवेश का विवरण आपको आयकर रिटर्न में देना होता है।
कंपाउंड इंटरेस्ट की सालाना गणना : पीपीएफ पर मिलने वाले कंपाउंड इंटरेस्ट की गणना सालाना आधार पर होती है। अगर आप अपने अकाउंट में 1.5 लाख रुपए हर वर्ष जमा करते हैं तो 8 फीसदी ब्याज के हिसाब से 15 वर्ष के बाद आपके अकाउंट में 43.98 लाख रुपए का फंड इकट्ठा हो जाएगा। इसमें प्रिंसिपल अमाउंट के 22.5 लाख रुपए होंगे। इस राशि पर ब्याज की राशि 21.48 लाख रुपए होगी।
पीपीएफ खाते पर लोन की सुविधा और आंशिक निकासी : आप पीपीएफ खाता खोलने के तीसरे साल से छठे साल तक लोन ले सकते हैं। अर्थात खाता खोलने के 2 साल बाद आप अपने पीपीएफ खाते से लोन ले सकते हैं। लोन पर आपको PPF की ब्याज दर से 2% ज्यादा ब्याज देना होगा। लोन का भुगतान आपको 36 महीनों में करना होगा। छठे साल के बाद आप अपने पीपीएफ खाते से आंशिक निकासी कर सकते हैं।
सभी कर सकते हैं PPF में निवेश : पीपीएफ अकाउंट नौकरीपेशा, व्यवसायी, छात्र, गृहिणी या रिटायर सभी भारतीयों के लिए खुला है। यही बात इसे ईपीएफ (जिसे 'पीएफ' कहा जाता है) या कर्मचारी भविष्य निधि से अलग करती है। ईपीएफ केवल संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों के लिए खुला है जो 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में काम करते हैं। पीपीएफ खातों को नाबालिगों (18 साल से कम उम्र के लोग) के लिए भी खोला जा सकता है। NRI (अनिवासी भारतीय) पीपीएफ खाते नहीं खोल सकते हैं, लेकिन वे भारत में रहते समय खोले गए पीपीएफ खातों में योगदान देना जारी रख सकते हैं।
लॉन्ग लॉक-इन : पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन होता है। यह आपको इस योजना से बहुत जल्दी पैसे वापस निकालने से रोकता है। यद्यपि खाता खोलने के पांच साल बाद आप अपने पीपीएफ अकाउंट से आंशिक रूप से धन निकाल सकते हैं।
FD से ज्यादा ब्याज दर : बैंक और पोस्ट ऑफिस में कई सावधि जमा (एफडी) की अपेक्षा पीपीएफ में ज्यादा ब्याज दर मिलती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि छोटे बचतकर्ताओं की मदद के लिए पीपीएफ की स्थापना की गई है और सरकार ऐसे लोगों के लिए थोड़ी अधिक दरों की पेशकश करने का प्रयास करती है।
अकाउंट बंद करने की सुविधा : अगर आपने लगातार पांच वित्त वर्ष तक अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा करते हो तो इसके बाद आप खुद, पत्नी, बच्चे अथवा माता पिता की किसी गंभीर बीमारी के इलाज और बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए अकाउंट बंद कर राशि निकाल सकते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।