अक्सर आपने कई बार हाईवे या एक्सप्रेस-वे में सफर किया होगा, पर क्या आपने कभी सोचा है कि एक्सप्रेस-वे और हाईवे में अंतर क्या होता है?
हाईवे और एक्सप्रेस-वे के कारण यातायात काफी कार्य-कुशल हुआ है और आप कम समय में आसानी से सफर कर सकते हैं। अगर रोड नेटवर्क की बात की जाए तो भारत का रोड नेटवर्क दुनिया में दूसरे स्थान पर है जो देश के हर शहर, गांव और कस्बों को जोड़ता है।
तो चलिए इस लेख के ज़रिए जानते हैं कि नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे में अंतर क्या होता है...
नेशनल हाईवे-
नेशनल हाईवे भारत की सड़कों के मुख्य बुनियादी ढांचे हैं, जो देश के हर प्रदेश की राजधानी और मुख्य शहरों को जुड़ते हैं। हाईवे साधारण सड़क की तुलना में काफी चौड़ेहोते हैं जिसमे भारी वाहन आसानी से आ जा सके। साथ ही भारत के हाईवे में न्यूनतम 2 लेन (lane) और अधिकतम 4 लेन (lane) होते हैं, जो आपस में जुड़े हुए होते हैं।
सड़क परिवाहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारत में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 1,44,634 किलोमीटर है। इसमें आप अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से वाहन चला जा सकते हैं। नेशनल हाईवे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मैनेज किया जाता है, जिसको भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1988 के तहत हाईवे के विकास और अनुरक्षण के लिए बनाया गया था।
एक्सप्रेस-वे-
एक्सप्रेस-वे सड़क के उच्चतम वर्ग के बुनियादी ढांचों में से एक है। दरअसल एक्सप्रेस-वे में हाईवे की तुलना में 6-8 लेन (lane) होते हैं, जो तेज़ सफर के लिए बनाए जाते हैं और साथ ही ये लेन आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए नहीं होते हैं। एक्सप्रेस-वे में आप अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से वाहन को चलाया जा सकता है।
एक्सप्रेस-वे काफी सीमित होते हैं और भारत में इनकी कुल लंबाई 4067.27 किलोमीटर है। साथ ही एक्सप्रेस-वे को भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ही मैनेज किया जाता है।