जब आप किसी बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको रुपए निकालने और अन्य लेन-देन के लिए एटीएम कार्ड दिया जाता है। क्या आपको मालूम है कि एटीएम पर रुपए निकालने के साथ आपका बीमा भी होता है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि कितने का बीमा होता है और इसकी क्या प्रक्रिया होती है।
कई लोगों को एटीएम कार्ड की अन्य सुविधाओं की जानकारी नहीं रहती है। एटीएम कार्ड धारक चाहे वह सार्वजनिक बैंक का हो या फिर प्राइवेट बैंक का हो, कार्ड जारी होने की तिथि से ही उसका दुर्घटना या फिर एक्सीडेंटल हॉस्पिटीलाइजेशन कवर होता है। इस बीमा की राशि 50 हजार से लेकर 10 लाख तक हो सकती है। इस सुविधा की जानकारी न तो खाताधारक होती है और न बैंकें इस नियम का प्रचार करती हैं। इस कवर का फायदा उठाने के लिए आपके खाते का एक्टिव होना आवश्यक है। इन इंश्योरेंस में विकलांगता से लेकर मौत होने पर अलग-अलग तरह का प्रावधान है।
कैसे उठा सकते हैं लाभ : एटीएम से बीमा का लाभ उठाने के लिए आवश्यक नियमों की जानकारी भी होनी चाहिए। दुर्घटना होने के तुरंत बाद पुलिस को सूचित करें। पुलिस को दुर्घटना की पूरी तरह से जानकारी दें। इंश्योरेंस के लिए पुलिस से भी जानकारी मागी जजा सकती है। अस्पताल में भर्ती होने पर सभी मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी पड़ती है।
अगर मृत्यु हो तो : अगर दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, मृत्यु प्रमाण पत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमा कराना आवश्यक होता है। यह भी सूचित करना आवश्यक होता है कि कार्डधारक द्वारा पिछले 90 दिनों में लेन-देन किया गया है।
इंश्योरेंस के लिए ऐसे करें क्लेम : किसी एटीएम होल्डर की मौत होने पर उसके परिजन 2 से 5 माह के अंदर बैंक की उस ब्रांच में जानकारी दें, जहां पर खाता है। इसके लिए ब्रांच में एक आवेदन भी देना होता है। इंश्योरेंस राशि से पहले बैंक यह जांच करेगा कि संबंधित व्यक्ति ने 60 दिन के अंदर वित्तीय लेन-देन किया है। साधारण एटीएम, मास्टर कार्ड, क्लासिक एटीएम पर पर अलग-अलग तरह के बीमा होते हैं। इन सब की जानकारी आप बैंक मैनेजर से पता कर सकते हैं।