नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर MCLR में 10 आधार अंक या 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस कदम से होम लोन, कर्ज लेने वालों के लिए ईएमआई में वृद्धि होगी।
एसबीआई के इस फैसले के बाद जिन लोगों ने MCLR पर कर्ज लिया है, उनकी ईएमआई बढ़ जाएगी। हालांकि, जिन लोगों ने अन्य मानकों के आधार पर ऋण लिया है, उनकी ईएमआई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
एसबीआई की ईबीएलआर (वाह्य मानक आधारित उधारी दर) 6.65 प्रतिशत है, जबकि रेपो से जुड़ी उधारी दर (आरएलएलआर) 6.25 प्रतिशत है। ये दर एक अप्रैल से प्रभावी है।
आवास और ऑटो ऋण सहित किसी भी प्रकार का ऋण देते समय बैंक ईबीएलआर और आरएलएलआर पर ऋण जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) को जोड़ते हैं।
एसबीआई की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार संशोधित एमसीएलआर दर 15 अप्रैल से प्रभावी है। इस संशोधन के साथ एक वर्षीय एमसीएलआर सात प्रतिशत से बढ़कर 7.10 प्रतिशत हो गया है।
ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 6.75 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.05 फीसदी हो गई। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं।
इसी तरह दो साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.30 प्रतिशत और तीन साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.40 प्रतिशत हो गई।