नई दिल्ली। आने वाले दिनों में मोबाइल यूजर्स को बड़ा झटका लग सकता है। इकॉनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल टैरिफ में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है।
उद्योगों के अधिकारी और विशेषज्ञों का मानना है कि वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल को अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया बड़ी रकम का भुगतान करना है। ऐसे में इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए टैरिफ बढ़ाने होंगे।
भारत में टेलीकॉम सर्विसेज पर सब्सक्राइबर्स का कुल खर्च अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है कि वोडाफोन-आइडिया के लिए मुश्किलें कई ज्यादा अधिक हैं।
कंपनी ने बिजनेस से बाहर होने की आशंका भी जताई है। अगर ऐसी परिस्थिति बनती है तो टेलीकॉम सेक्टर में भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ही बचेंगे।
2019 के अंत में टेलीकॉम कंपनियों ने प्रीपेड टैरिफ में 14 से 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। यह 3 वर्षों में पहली टैरिफ बढ़ोतरी थी।
अब टेलीकॉम कंपनियों की नजर सरकार पर भी है कि वह बकाया रकम पर राहत देती है या नहीं। अगर कोई राहत नहीं मिलती है तो टैरिफ बढ़ाना ही एकमात्र हल होगा।
वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां बकाया रकम की राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर भी विचार कर रही हैं। जियो की इंट्री के बाद मोबाइल इंटरनेट के यूजर्स में काफी बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर बढ़ोतरी होती भी है तो यूजर्स अधिक रुपया खर्च करने में भी नहीं हिचकेंगे।