यह खबर उन लोगों के लिए बेहद अच्छी है जो ट्रेन के माध्यम से धार्मिक स्थलों के लिए रवाना होते हैं लेकिन उसमें मिलने वाले खाने की शुद्धता को लेकर उनके मन में बहुत सारे विचार आते रहते हैं। इसके चलते कई बार ट्रेन के अंदर मिलने वाले भोजन को धारण प्रवृत्ति के लोग खाते तक नहीं है। इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने धार्मिक स्थलों के लिए चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को सिर्फ शाकाहारी भोजन देने कर व्यवस्था की है।
IRCTC ने निर्देश जारी करते हुए बताया गया है कि धार्मिक स्थलों के लिए चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों द्वारा मांग करने पर भी नानवेज भोजन नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं खाना बनाने में लहसुन-प्याज का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
यात्रियों के विचारों के आधार पर रेलवे बोर्ड और आईआरसीटीसी ने यह निर्णय लिया है। उत्तर रेलवे ने अभी फिलहाल यह सुविधा नई दिल्ली से वैष्णो देवी तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में शुरू की है और इसको सात्विक ट्रेन का प्रमाणपत्र भी जारी किया है।
जल्द ही दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली वंदे भारत होगी। इसके बाद पूर्णागिरी जनशताब्दी, सिद्धबली एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा जाने वाली सभी ट्रेनों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। रेलवे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के तहत चार धाम की यात्रा ट्रेन जरिए कराने के लिए ट्रैक बिछा रहा है। यह प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा होना है।
आईआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी आनंद कुमार झा ने बताया कि धार्मिक स्थलों लिए चलने 'वाली ट्रेनों में ज्यादातर श्रद्धालु ही सफर करते हैं।काफी समय से यात्रियों धार्मिक खेलों में बदलाव को लेकर अपने अपने विचार दे रहे थे इसे देखते हुए दो ट्रेनों में शाकाहारी भोजन की व्यवस्था शुरू की गई है। धार्मिक स्थलों पर जाने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे इसे लागू करने की योजना बनाई जा रही है।