carfire safety care tips: आज के दौर में कार केवल एक यातायात का साधन नहीं बल्कि एक लाइफस्टाइल बन चुकी है। चाहे ऑफिस जाना हो, परिवार के साथ रोड ट्रिप पर निकलना हो या शहर की भागदौड़ में तेज़ी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचना हो, कार हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जिस कार में आप बेफिक्र होकर सफर कर रहे हैं, उसमें अचानक आग लग सकती है? जी हां, चलती हुई कार में आग लगना एक बेहद खतरनाक स्थिति होती है। यह सिर्फ कार को नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि आपकी जान के लिए भी बड़ा खतरा बन सकती है। कई बार हम छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में एक बड़ी दुर्घटना का कारण बनती हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि चलती कार में आग कैसे लग सकती है, कौन-कौन से संकेत समय रहते पहचानना जरूरी हैं, और आप कैसे इस संभावित खतरे से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं। अगर आप कार ड्राइव करते हैं या अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर सजग हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
1. इंजन ओवरहीटिंग
इंजन कार का दिल होता है, लेकिन जब यही दिल ज़रूरत से ज़्यादा गर्म हो जाए तो वह खतरे की घंटी बन सकता है। यदि कार का कूलिंग सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा हो, रेडिएटर में लीकेज हो या वॉटर लेवल कम हो, तो इंजन अत्यधिक गर्म हो सकता है। इस हीट के कारण आसपास के प्लास्टिक, रबर पाइप्स या ऑयल स्पिल से आग लग सकती है। टेम्परेचर गेज रेड ज़ोन में जाना, बोनट से धुआं निकलना या इंजन से जलने जैसी गंध आना, इसके आम संकेत हैं।
2. इलेक्ट्रिकल वायरिंग में खराबी
कार में ढेर सारे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स होते हैं – हेडलाइट्स, एसी, म्यूजिक सिस्टम, पावर विंडो इत्यादि। अगर इनमें से किसी वायरिंग में शॉर्ट-सर्किट हो जाए, तो स्पार्क से आग लग सकती है। खासकर जब लोकल गैरेज में बिना अनुभव वाले मिस्त्री द्वारा गलत वायरिंग की गई हो। फ्यूज बार-बार उड़ना, अजीब गंध (जली हुई तार जैसी) और अचानक लाइट्स का बंद हो, तो समझ जाइए गड़बड़ है।
3. फ्यूल लीकेज
कार के फ्यूल सिस्टम में लीकेज होना, आग लगने की एक प्रमुख वजह है। खासकर पेट्रोल कारों में यह ज़्यादा खतरनाक होता है क्योंकि पेट्रोल अत्यंत ज्वलनशील होता है। अगर फ्यूल लाइन से लीक हो रहा पेट्रोल किसी गरम हिस्से या स्पार्किंग वायरिंग के संपर्क में आ जाए, तो आग लग सकती है। कार के नीचे तेल की बूंदें दिखना, तेज गंध का महसूस होना और फ्यूल इकोनॉमी में अचानक गिरावट, संकेत हैं।
4. आफ्टरमार्केट एक्सेसरीज और मॉडिफिकेशन
आजकल लोग कार को पर्सनलाइज़ करने के लिए एलईडी लाइट्स, हाई-पावर म्यूजिक सिस्टम, टचस्क्रीन डिस्प्ले और अन्य एक्सेसरीज़ इंस्टॉल करवाते हैं। लेकिन ये सभी चीज़ें अगर सही तरीके से फिट न हों या खराब क्वालिटी के उत्पाद इस्तेमाल हों, तो यह कार में शॉर्ट सर्किट या बैटरी ओवरलोड की वजह से आग का कारण बन सकते हैं। एक्सेसरीज ऑन करते ही बैटरी डाउन होना, स्पार्क्स निकलना या गर्म तारें छूने पर जलन होना या इंजन स्टार्ट करने में परेशानी, इस तरह के संकेत पहचानें।
5. ब्रेक सिस्टम में गर्मी
लंबे समय तक ब्रेक लगाते रहना (जैसे पहाड़ी रास्तों में), ब्रेक पैड्स और डिस्क को जरूरत से ज्यादा गर्म कर सकता है। इससे रबर पार्ट्स जल सकते हैं और आग फैल सकती है, खासकर जब ब्रेक ऑयल लीक हो रहा हो। ब्रेक लगाने पर जलने की गंध आना, व्हील्स के पास से स्मोक दिखना और ब्रेक्स का धीमा या असामान्य रिस्पॉन्स, इस तरह के संकेत पहचानें।
6. धुआं या गंध को हल्के में न लें
कई बार लोग सोचते हैं कि कार में हल्का धुआं या गंध सामान्य बात है। लेकिन यही लापरवाही कई हादसों की जड़ बनती है। अगर आपको कार के अंदर या बाहर जलन जैसी गंध आए, तो तुरंत कार साइड में रोकें, इंजन बंद करें और बोनट खोलने से पहले कुछ देर प्रतीक्षा करें।
बचाव के उपाय:
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रेगुलर सर्विसिंग: कार को नियमित रूप से अधिकृत सर्विस सेंटर से सर्विस करवाएं।
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फ्यूल और वायरिंग की जांच: हर सर्विस में इन दो बातों पर विशेष ध्यान दें।
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फायर एक्सटिंग्विशर रखें: छोटी सी आग को शुरुआत में ही काबू में लाने के लिए कार में छोटा अग्निशामक जरूर रखें।
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संकेतों को नजरअंदाज न करें: कोई भी अजीब आवाज़, गंध या गड़बड़ी को तुरंत देखें।
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