लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने विधानसभा में बजट पेश किया। जहां योगी सरकार के मंत्री इस बजट को जनहित का बजट बता रहे हैं तो वहीं विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पहली प्रतिक्रिया देते कहा कि 'इस सरकार का कहने को ये बजट छठा है, पर इसमें कुछ बढ़ा नहीं, सब कुछ घटा है! इसमें जनपक्ष नदारद, बस सरकारी विभागों का वारा-न्यारा है। दरअसल ये बजट नहीं बंटवारा है!'
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि गांवों में युवा रोजगार नहीं मिलने से निराश हैं। सरकार ने गेहूं, चावल, तेल और चन्ना वादा देने का वादा किया था, लेकिन ये सब कहां हैं? सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताब और ड्रेस का पैसा नहीं मिला है। उन्हें सही समय से मिड डे मिल में खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। देश में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। किसान के गन्ने के भुगतान का तो सरकार बताती है लेकिन कितना बकाया है, ये नहीं बताती है।
उन्होंने कहा कि ये बजट दिल्ली के बजट में जोड़कर तैयार किया गया है। पिछले 5 साल में लोगों के साथ केवल धोखा हुआ है। सवाल यह है कि किसानों की आय दोगुनी कब होगी और रोजगार कब मिलेगा? जिला स्तर पर बने अस्पताल बर्बाद हो रहे हैं। ये छठा बजट है लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा है।