Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्‍या यौन शोषण पीड़िता करवा सकती है गर्भपात, याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया ये फैसला

Advertiesment
हमें फॉलो करें Allahabad High Court's decision on petition of sexual abuse victim

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

प्रयागराज , बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (22:25 IST)
Sexual abuse victim case : उत्तर प्रदेश में सत्रह वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने की अनुमति के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि कानून यौन शोषण की पीड़िता को गर्भपात कराने का अधिकार देता है। इससे दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति के बच्चे की मां बनने के लिए पीड़िता को बाध्य करने से उसकी मुश्किलें बढ़ेंगी। इस मामले में 17 वर्षीय लड़की को आरोपी भगा ले गया था और बाद में लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस द्वारा उसे छुड़ाया गया था। याचिकाकर्ता के वकील का आरोप है कि लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया।
 
न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने कहा कि चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम की धारा 3(2) यौन शोषण की पीड़िता को चिकित्सीय गर्भपात कराने का अधिकार देती है तथा दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति के बच्चे की मां बनने के लिए पीड़िता को बाध्य करने से उसकी मुश्किलें बढ़ेंगी।
अदालत ने कहा, यौन उत्पीड़न के मामले में एक महिला को गर्भपात कराने से मना करना और उसे मातृत्व की जिम्मेदारी से बांधना, उसे सम्मान के साथ जीवन जीने के उसके मानवाधिकार से मना करने के समान है। इस मामले में 17 वर्षीय लड़की को आरोपी भगा ले गया था और बाद में लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस द्वारा उसे छुड़ाया गया था। बाद में जब लड़की के पेट में तेज दर्द हुआ तो उसकी जांच कराई गई जिसमें वह साढ़े तीन माह की गर्भवती पाई गई।
 
याचिकाकर्ता के वकील का आरोप है कि लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। चूंकि पीड़िता का गर्भ अब 19 सप्ताह का हो चुका है, उसके वकील ने दलील दी कि इस गर्भावस्था से लड़की को काफी पीड़ा हो रही है और उसका मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। साथ ही एक नाबालिग होने के कारण पीड़िता, बच्चे की जिम्मेदारी नहीं चाहती।
इस पर अदालत ने कहा कि चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम का 2003 का नियम यौन उत्पीड़न या दुष्कर्म की पीड़िता के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को गिराने की व्यवस्था देता है। उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी तरह की परिस्थितियों में गर्भपात की अनुमति दी है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Samay Raina का आया बयान, विवाद को लेकर क्या कहा