कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में बिकरू कांड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे के खजांची जयकांत बाजपेयी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जहां पहले से ही अपराधी विकास दुबे के साथियों के साथ बिकरू कांड को लेकर खजांची जयकांत बाजपेयी कानपुर देहात की माती की जेल में बंद है, तो वहीं अब पुलिस ने फर्जी शपथ पत्र देकर असलहा लाइसेंस बनवाने का एक मुकदमा बजरिया थाने में दर्ज किया है। यह मुकदमा एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद खजांची जयकांत बाजपेयी के ऊपर दर्ज किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में हुए बिकरू कांड़ की जांच कर रही एसआईटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में फर्जी शपथ पत्र देकर असलहा लाइसेंस बनवाने वाले 9 लोगों को आरोपी माना गया था, जो कि विकास दुबे के गिरोह में शामिल रहे थे। वहीं अब एसआईटी ने बजरिया से असलहा लाइसेंस प्राप्त करने वाले उसके खजांची जयकांत बाजपेयी को भी इसी में शामिल किया था और उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की गई थी। इसी के चलते बजरिया इंस्पेक्टर राममूर्ति यादव ने वादी बनकर जयकांत के खिलाफ धोखाधड़ी‚ फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना‚ उनका प्रयोग करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी है।
बाजपेयी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में विवेचक दरोगा अविनाश वर्मा को बनाया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि जयकांत बरजपेयी के ऊपर मुकदमा संख्या 383/2020 धारा- 419/ 420/ 467/ 468/ 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। बाजपेयी ने जान-बूझकर शस्त्र लाइसेंस नं. 294 प्राप्त करते समय असत्य शपथ पत्र सहित व सही जानकारी छुपाकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था।