कानपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि ग्राम बिकरू में दबिश के दौरान दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग करके सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या कर दी थी। इस कांड में 6 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए थे। बिकरू कांड (Bikeru scandal) में विकास दुबे की पत्नी, भाई सहित 18 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
यूपी सरकार ने बिकरू कांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। जांच के दौरान एसआईटी ने पाया था कि इस कांड में फर्जी दस्तावेजों पर सिम और शस्त्र लाइसेंस लिए गए थे। इस मामले में गुरुवार रात 18 लोगों पर चौबेपुर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया है।
कानपुर पुलिस ने फर्जी स्टाम्प दाखिल कर शस्त्र लाइसेंस के मामले में रामकुमार दुबे पुत्र देवीप्रसाद, दीपक उर्फ दीप प्रकाश उर्फ दीपू दुबे पुत्र रामकुमार, अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार पुत्र देवीप्रसाद, अमित उर्फ छोटे बउवा पुत्र भगवती प्रसाद दुबे, दिनेश कुमार पुत्र कैलाश नाथ, रवीन्द्र कुमार पुत्र राधेश्याम, अखिलेश कुमार पुत्र विमल प्रकाश, आशुतोष त्रिपाठी उर्फ शिव त्रिपाठी के ऊपर मुकदमा पंजीकृत किया है।
इसके अलावा फर्जी दस्तावेज पर लिए गए सिम कार्ड के मामले में विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, विकास दुबे के साथी राम सिंह पुत्र छोटेलाल, मोनू पुत्र प्रेम प्रकाश पाण्डेय, शिव तिवारी उर्फ आशुतोष त्रिपाठी पुत्र दिनेश त्रिपाठी, शांति देवी पत्नी रमेश चन्द्र, अपराधी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, रेखा अग्निहोत्री पत्नी दयाशंकर अग्निहोत्री, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार पुत्र देवीप्रसाद और अपराधी विकास दुबे का भाई दीपक उर्फ दीपप्रकाश उर्फ (दीपू) पुत्र रामकुमार के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया है।