दारुल उलूम में महिलाओं के प्रवेश पर से पाबंदी हटी, संस्थान में कर सकेंगी प्रवेश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 9 नवंबर 2024 (16:16 IST)
Darul Uloom News: उत्तरप्रदेश सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम (Darul Uloom) में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और वे अब कुछ नियम-शर्तों के साथ इस संस्थान में प्रवेश कर सकेंगी। दारुल उलूम में मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने यह जानकारी दी।
 
उस्मानी ने बताया कि गत 17 मई को दारुल उलूम के प्रबंधतंत्र ने दारुल उलूम परिसर में रील बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की शिकायत के चलते यहां महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उस्मानी ने बताया कि दारुल उलूम प्रबंधतंत्र ने कई दौर की वार्ता के बाद देश-विदेश से आने वाली महिलाओं के दारुल उलूम में प्रवेश को लेकर एक नियमावली तैयार की गई है जिसका पालन करते हुए महिलाओं का प्रवेश दिया जाएगा।
 
संस्थान में प्रवेश करने से संबंधित यह नियमावली शुक्रवार शाम से लागू कर दी गई है। उस्मानी के अनुसार, अब दारुल उलूम प्रबंधन ने संस्थान के परिसर में प्रवेश के लिए आगंतुक (विजिटर) पास जारी करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया है।ALSO READ: खरगे ने BJP पर लगाया भड़काऊ भाषणों के जरिए मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप
 
विजिटर पास में आधार कार्ड या वोटर कार्ड या पैन कार्ड फॉर्म संबंधित अधिकारी को दिखाना होगा। फॉर्म के एक कॉलम में विजिटर का नाम, मोबाइल नंबर, पता, घूमने आए सदस्यों (महिला और पुरुष) की संख्या आदि का ब्योरा देना होगा। महिलाओं को संस्था के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दिन खत्म होने से पहले यानी सूर्यास्त तक की होगी।ALSO READ: NCP विधायक टिंगरे का स्पष्टीकरण, मैंने शरद पवार को नहीं भेजा कोई कानूनी नोटिस
 
मदरसे में प्रवेश करने वाली सभी महिलाओं को हिजाब में रहना होगा। महिलाओं को उनके किसी परिवार के सदस्य के साथ ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। मदरसे में घूमने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मोबाइल फोन मुख्य द्वार पर जमा करा लिया जाएगा, जो उसे वापस जाने के समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि 'विजिटर पास' की वैधता 2 घंटे की होगी। साथ ही सूर्यास्त के बाद विजिटर पास स्वत: निरस्त हो जाएगा। संस्था के भीतर किसी तरह की वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
 
गौरतलब है कि दारुल उलूम प्रबंधन ने 17 मई 2024 को यहां बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर इसलिए रोक लगा दी थी बाहर से आने वाली महिलाएं बेपर्दा घूमती थीं। इसके अलावा वे संस्था की ऐतिहासिक इमारतों के सामने बिना हिजाब मोबाइल से फोटो खिंचवा रही थीं जिसे रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा था। मीडिया प्रभारी के अनुसार, इससे यहां मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी संगठन का कनेक्शन, चौंकाने वाला खुलासा

Waqf law को लेकर बंगाल में बवाल के बीच CM ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से क्या कहा

MP News: नशे में जैन संतों को पीटने का मामला गर्माया, विरोध में सिंगोली बंद, CM ने दिए कठोर कार्रवाई के आदेश

बंगाल में वक्फ पर बवाल, मुर्शिदाबाद के बाद 24 परगना में हिंसा, तोड़फोड़, गाड़ियों में लगाई आग

लश्कर-ए-लूट पर सर्जिकल स्ट्राइक है वक्फ संशोधन अधिनियम : मुख्तार अब्बास नकवी

सभी देखें

नवीनतम

बंगाल में नहीं थम रही हिंसा, पुलिस से भिड़े आईएसएफ समर्थक, बवाल के बाद हाईअलर्ट

Earthquake : दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के निकट भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.2 रही तीव्रता

लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आग लगी, कोई हताहत नहीं

कौन है PM मोदी का यह प्रशंसक, 14 साल से चल रहा था नंगे पांव, आज पूरी हुई यह प्रतिज्ञा

RLJP अब NDA का हिस्सा नहीं, पशुपति पारस ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

अगला लेख