मर्यादा पुरूषोत्तम राम के चरित्र को दर्शाने के लिए देशभर में रामलीला का मंचन किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से अश्विन माह बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, इसी माह शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा नवरात्रि में की जाती है। बुराई का प्रतीक रावण अच्छाई की जीत के प्रतीक राम के हाथों मारा जाता है और इस दिन को विजयदशमी के रूप से जाना जाता है।
राम जन्म से लेकर उनका विवाह, कैकेयी द्वारा राम को वनवास, राम का वनवास गमन, वन में सीता का रावण द्वारा हरण और रावण का राम के हाथों अंत ये सभी दृश्य रामलीला के मंच से दिखाए जाते हैं,
लेकिन कलयुग की रामलीला में सब कुछ बदल रहा है। रामलीला का आयोजन करने वालों ने रामलीला का अर्थ बदल दिया है। क्योंकि रामलीला कमेटी के आयोजक रामलीला में बार बालाओं का डांस कराकर समाज को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या सहित तमाम जिलों में परंपरागत रामलीला का मंचन किया जा रहा है, लेकिन मुजफ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव रोहाना कस्बे में चल रही रामलीला में बार बालाओं का डांस चल रहा है, जो समाज को कलंकित करने के साथ शर्मशार करने वाला भी रहा है।
रोहना कस्बे में रामलीला के मंच पर फूंहड़ डांस की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही। शायद इस तरह के अश्लील नृत्य करवा कर आयोजक भीड़ और पैसा इकट्ठा करने का प्रयास कर रहे है।