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बसपा सुप्रीमो मायावती ने की मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ, अखिलेश को लिया निशाने पर

क्या हैं योगी सरकार की तारीफ के मायने, क्या भाजपा से करीबी बढ़ाना चाहती हैं मायावती

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 (14:35 IST)
Mayawati praises Yogi Adityanath: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राजधानी लखनऊ में आयोजित रैली में मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। हालांकि उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से भाजपा की तारीफ कर दी। उन्होंने यूपी की योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि हम मौजूदा सरकार के आभारी हैं, क्योंकि उन्होंने हमारे द्वारा बनाए गए स्मारकों के लिए मिली राशि का सही उपयोग किया। उन्होंने कहा कि भाजपा समाजवादी पार्टी जैसी नहीं है। 
 
सपा पर निशाना : बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित महारैली के माध्यम से मायावती ने शक्ति प्रदर्शन का प्रयास किया है और एक बार फिर अपनी राजनीतिक ताकत को हासिल करने का प्रयास किया है। सपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि उसके नेता सत्ता में रहते हुए PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) भूल जाते हैं, लेकिन विपक्ष में आते ही उन्हें पीडीए की याद आती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पैसा दबाया नहीं, वह सपा जैसी पार्टी नहीं है। 
 
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, इस रैली में अन्य दलों की तरह पैसे देकर लोग नहीं बुलाए गए हैं बल्कि लोग अपनी खून-पसीने की कमाई खर्च कर आए हैं। इस रैली ने सभी रैलियों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे लगता है कि 2027 में उत्‍तर प्रदेश में एक बार फिर पूर्ण बहुमत से बसपा की सरकार बनेगी। इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आजम खान से मलने के मामले में मायावती ने कहा कि विरोधी अफवाह फैला रहे हैं। मैं किसी से छिपकर नहीं मिलती हूं, खुले में मिलती हूं।
 
कांशीराम राम का नाम हटाने से नाराज : मायावती ने कहा कि अगर अखिलेश यादव बसपा संस्थापक कांशीराम का सचमुच सम्मान करते तो अलीगढ़ मंडल के कांशीराम नगर जिले का नाम बदलकर कासगंज नहीं करते। यह दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है? मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की तारीफ करते हुए कहा कि आकाश बसपा का जनाधार बढ़ाने के लिए मेरे दिशानिर्देशन में लगातार प्रयास कर रहे हैं। 
 
बसपा प्रमुख ने कहा कि जातिवादी दल संविधान को बदलने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं करने देंगे। भले ही इसके लिए कितना भी संघर्ष करना पड़े। मायावती ने कहा कि यूपी में बसपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी क्योंकि गठबंधन करने पर बसपा का वोट तो सहयोगी दलों को मिल जाता है पर बसपा को उनका वोट नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार बनने पर उन सभी कानूनों को बदल दिया जाएगा, जो कि दलितों-पिछड़ों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि सपा, कांग्रेस और भाजपा ने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया और दलितों व पिछड़ों को उनका हक नहीं दिया।
 
योगी सरकार की तारीफ के मायने : मायावती द्वारा योगी सरकार की तारीफ को राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने नजरिए से देख रहे हैं। जानकार इसे मायावती की सोची-समझी राजनीति मान रहे हैं। दरअसल, मायावती ऐसा करके अखिलेश यादव को अलग-अलग करना चाहती हैं। क्योंकि अखिलेश यादव ने ही उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। एक दौर में मुस्लिम वोटरों की झुकाव भी मायावती की तरफ था, लेकिन अब ज्यादातर वोट अखिलेश यादव के खाते में ही जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि मायावती भाजपा से भी करीबी बनाना चाहती हैं। क्योंकि वे एक बार भाजपा के सहयोग से यूपी की मुख्‍यमंत्री बन चुकी हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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