लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 22 सितंबर को सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने सम्राज मिहिर भोज को गुर्जर बताने का विरोध किया है। वहीं गुर्जर समाज का दावा है कि मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार राजा था।
दादरी के सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में लगने वाली यह प्रतिमा 15 फुट ऊंची है। अष्टधातु की इस प्रतिमा के अनावरण सीएम कॉलेज आएंगे।
सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज नाराज बनाए जा रहे हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने दावा किया कि नौंवी शताब्दी के राजपूत सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार को गुर्जर समुदाय से जोड़ना गलत है। वह अपने इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे।
महासभा ने कहा कि यूपी में समाज के 14% वोटर है। हमारे लिए पूर्वजों का सम्मान और हमारी पहचान सर्वेपरि है। क्षत्रिय समाज में इतिहास के इस विखंडन पर गहरा रोष हैं।
दूसरी ओर इस मामले में गुर्जर समाज के लोग भी अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के नेतृत्व में लामबंद हो रहे हैं। इस संगठन ने भी इस मामले में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इसमें महासभा के पदाधिकारियों के द्वारा सम्राट मिहिर भोज के गुर्जर होने के प्रमाण रखे जाएंगे।
कौन थे सम्राट मिहिर भोज : सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार कन्नौज के शासक थे। उन्होंने 836 ईस्वीं से 885 ईस्वीं तक 49 वर्ष तक राज्य किया था। इनका साम्राज्य अत्यन्त विशाल था। उनका साम्राज्य आज के मुलतान से पश्चिम बंगाल तक और कश्मीर से कर्नाटक तक फैला हुआ था। मिहिर भोज विष्णु भगवान के भक्त थे तथा कुछ सिक्कों में इन्हे 'आदि वराह' भी माना गया है।