लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 33.1 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य से 7.6 मिमी के सापेक्ष 435.5 प्रतिशत अधिक है।
राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने गुरूवार को बताया कि प्रदेश में 1 जून से अब तक 665.3 मिमी औसत वर्षा हुई जो सामान्य वर्षा 739.7 मिमी के सापेक्ष 90 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि गंगा नदी बदायूं, शारदा-खीरी, घाघरा-बलिया, राप्ती-गोरखपुर, तथा क्वानों-गोंडा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 13 जिलों में 506 गांव बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ,एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 64 टीमें तैनाती की गई है।
प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 1134 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं। 1225 मेडिकल टीमें तथा 6375 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। खोज बचाव कार्य के लिये 451 मोटर बोट तथा 208 वाहन लगाए गए हैं। प्रदेश में 1327 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। प्रदेश में अब तक कुल 1770 पशु शिविर स्थापित किए गए हैं।
राजधानी लखनऊ समेत उत्तरप्रदेश के अधिसंख्य इलाकों में बुधवार रात से हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश से कई मकान जमींदोज हो गए हैं जबकि पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से कई इलाकों में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। वर्षाजनित हादसों में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने और कई के घायल होने की सूचना है। बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम आंचलिक विज्ञान केन्द्र लखनऊ के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि लखनऊ में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक 115 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी थी। इससे पहले चालू मानसून सीजन में जुलाई महीने में एक दिन में 115.5 मिमी वर्षा हो चुकी है। बारिश की रफ्तार से उन्होने उम्मीद जाहिर की कि आज की वर्षा से सितम्बर 2012 का रिकॉर्ड टूट सकता है जब एक दिन में 138.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, अयोध्या, बाराबंकी, जौनपुर और कुशीनगर समेत राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से कई इलाके टापू की शक्ल में तब्दील हो चुके हैं।
राज्य के कई इलाकों में स्कूलों में रेनी डे घोषित कर दिया गया है जबकि दफ्तर जाने वालों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। बाजार भी देर से खुले लेकिन अधिकतर व्यापारी ग्राहकों की बाट जोहते नजर आ रहे हैं।