रामलला में प्रसाद वितरण व्यवस्था पर बवाल, राम मंदिर ट्रस्ट से मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास नाराज

संदीप श्रीवास्तव
बुधवार, 9 नवंबर 2022 (09:42 IST)
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण का काम जहां एक तरफ बड़ी ही तीव्र गति से चल रहा है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष 2024 मे रामलला का गर्भ ग्रह मे प्रवेश हो जायेगा और भक्त दर्शन कर सकेंगे अपने आराध्य का किन्तु इसी बीच श्री रामजन्मभूमि में रामलला के प्रसाद वितरण व्यवस्था को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर श्री रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास काफ़ी नाराज है।
 
दरअसल श्री रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित रामलला के अस्थाई मंदिर में प्रसाद व्यवस्था को लेकर यह विवाद खड़ा हो गया है यह विवाद मुख्य रूप से मंदिर के सामने पुजारी द्वारा प्रसाद न देकर थोड़ी दूर पर अन्य कर्मियों द्वारा राम भक्तों को प्रसाद देने को लेकर है।
 
इस नई व्यवस्था को लेकर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास काफ़ी नाराज हैं और मंदिर की व्यवस्था को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और जिम्मेदार कुछ लोगों पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। राम भक्तों को पुजारी द्वारा मंदिर से प्रसाद न देकर मजदूरों के द्वारा कुछ दूरी पर प्रसाद दिया जाना कहां तक उचित है?
 
जाहिर है कि सतेन्द्र दास के इस बयान के बड़े मायने है। जिस तरह मुख्य पुजारी के रूप में वह व्यवस्था को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं वह बहुत कुछ कहने के लिए काफी है।
 
आचार्य सतेन्द्र दास पिछले कई दशक से श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी रहते हुए रामलला की सेवा कर रहे हैं। इस बीच प्रसाद व्यवस्था को लेकर वो काफ़ी नाराज हैं। उनका कहना हैं की समझ में नहीं आता है कि ट्रस्ट में कितने लोग हैं और किसकी क्या जिम्मेदारी है? जो भी आता है, ट्रस्टी बन जाता है।
 
वह सीधा सवाल करते हैं कि आखिर राम मंदिर ट्रस्ट में कौन मालिक है? और किस का आदेश चलेगा? इस मामले में वह राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सदस्य अनिल मिश्रा के साथ दो और व्यक्तियों का नाम लेते हैं। इसमें एक नाम संघ के प्रचारक रहे गोपाल राव का है जो संघ की तरफ से अब श्री राम मंदिर निर्माण के प्रभारी है और दूसरा नाम टिन्नू का है जो रामजन्मभूमि परिसर में ट्रस्ट के कर्मचारी के रूप ने काम देखता है।
 
सतेन्द्र दास ने कहा कि भगवान के सामने से प्रसाद बंट रहा है और इतनी भीड़ भी नहीं है। शांति पूर्वक सब कुछ हो रहा है और कहा जा रहा है कि यहां से प्रसाद बांटना बंद कर दो। 200 गज की दूरी पर प्रसाद बांटा जा रहा है। भगवान के सामने नहीं बांटा जा रहा है। पुजारियों को मना कर दिया गया है कि आप लोग प्रसाद मत बांटिए।
 
उन्होंने कहा कि अब भगवान का प्रसाद भगवान के मंदिर में नहीं मिलेगा, भगवान के सामने नहीं मिलेगा तो कहां मिलेगा? यह व्यवस्था थी लेकिन यह अब अव्यवस्थित हो गई है। मेले में भक्तगण प्रसाद मांग रहे हैं और वहां पर मना किया जा रहा है। यहां पर प्रसाद नहीं मिल रहा है।
 
उन्होंने कहा कि वहां पर एक गोपाल जी हैं उन्होंने ही मना किया है। वह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं कि क्या है? यह नहीं पता। वह जो भी आदेश करते हैं, वह मान्य हो जाता है। उन्होंने कह दिया और पुजारी ने प्रसाद रोक दिया। मंदिर में राम भक्तों को प्रसाद ना दिए जाने को लेकर व्यथित आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि 200 गज दूर प्रसाद दिया जा रहा है वह भी पुजारी के द्वारा नहीं, मजदूर के द्वारा और यही सबसे बड़ा दुख है।
 
श्री रामलला की पूजा अर्चना और सेवा कर रहे मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास सबसे अधिक गोपाल राव पर नाराज दिखाई देते हैं। आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद-फरोख्त मामले को लेकर जब उंगली उठी थी उसी के बाद संघ के प्रचारक रहे गोपाल राव को कामकाज देखने के लिए अयोध्या भेज दिया गया था।
 
उन्होंने कहा कि जैसा प्रसाद वितरण होता था वहीं से होना चाहिए। 200 गज की दूरी पर ना तो मंदिर है, ना ही कुछ है। वहां पर प्रसाद बांटने का क्या मतलब है? वहां पर कोई पुजारी भी नहीं है। दूसरे लोग बांटेंगे वह जो वहां के कर्मचारी हैं, जो मजदूर हैं उनसे प्रसाद बटवा रहे हैं।

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