लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराधियों का योगी सरकार को लेकर कितना खौफ है, यह किसी से छिपा नहीं है। योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी कई अपराधियों का एनकाउंटर किया गया है। इस बीच, कहा जा रहा है कि योगी सरकार की वापसी के बाद से ही राज्य में सरेंडर करने वाले अपराधियों की संख्या बढ़ गई है।
एक जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले कार्यकाल में 150 से ज्यादा संदिग्ध अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया था, जबकि 3473 अपराधी मुठभेड़ के दौरान घायल हुए थे। यह योगी सरकार का खौफ ही है कि यूपी चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ही थानों पर सरेंडर करने वालों की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी असामाजिक तत्व एनकाउंटर के डर से सरेंडर कर रहे हैं।
गुंडागर्दी बनी थी चुनावी मुद्दा : यूपी चुनाव में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा गुंडागर्दी और सुरक्षा का था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी सुरक्षा के मुद्दे को जमकर उठाया था और इस दिशा में किए गए कार्यों के लिए योगी सरकार की सराहना भी की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने भाषणों ने यूपी को लोगों को चेताया था कि यदि समाजवादी पार्टी की सरकार आ गई थी जेल में बंद गुंडे सब बाहर आ जाएंगे। उस दौरान विरोधी पार्टियों के नेताओं के कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे। इसके बाद योगी ने खुले शब्दों में कहा था कि 10 मार्च यानी नतीजों के बाद सबकी गर्मी निकाल दी जाएगी।
लोग तो कहने भी लगे हैं कि योगी के दूसरी बार सत्ता संभालने से पहले ही अपराधी खौफ में आ गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक योगी के पिछले कार्यकाल के दौरान 3000 से ज्यादा माफियाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि गुंडों की 1900 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई।
मेरठ के फरार माफिया बदन सिंह बद्दो के अवैध निर्माणों पर भी नतीजों के तत्काल बाद बुलडोजर चला दिया गया। खबर तो यहां तक है कि कई गुंडे सब्जियां बेचने लगे हैं, जबकि कई ने रोजी-रोटी चलाने के लिए रंगाई-पुताई का काम शुरू कर दिया है।