प्रयागराज। पश्चिम बंगाल और बिहार के पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ भाजपा नेता केशरी नाथ त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में उनके निवास पर निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। त्रिपाठी ने उत्तरप्रदेश में भाजपा को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई दी।
केशरी नाथ त्रिपाठी की बहू कविता यादव त्रिपाठी ने बताया कि तीन बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके केशरी नाथ त्रिपाठी हाल ही में घर में गिर गए थे, जिससे उनकी कंधे की हड्डी टूट गई थी। 3 दिन पहले वह अस्पताल से घर आ गए थे और रविवार सुबह पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केशरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूती प्रदान करने वाला एक प्रमुख नेता बताया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'केशरी नाथ त्रिपाठी जी अपने सेवा और बुद्धिमता के लिए जाने जाते थे। वह संवैधानिक मामलों में दक्ष थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत बनाने में अहम भूमिका अदा की और राज्य की प्रगति के लिए कठिन मेहनत की। उनके निधन से काफी पीड़ा हुई। उनके परिजनों और प्रशंसकों को सांत्वना। ओम शांति।'
इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 10 नवंबर 1934 को जन्मे केशरी नाथ त्रिपाठी जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। इससे पहले, उनके पास कुछ समय तक बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी था। वह 6 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और जनता पार्टी के कार्यकाल में 1977 से 1979 तक संस्थागत वित्त एवं बिक्री कर के कैबिनेट मंत्री थे।
केशरी नाथ त्रिपाठी कवि और लेखक भी थे। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर वकालत की थी और कुछ समय के लिए उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष पद भी संभाला था।