गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा पानी, UP में अलर्ट

हिमा अग्रवाल
शनिवार, 19 जून 2021 (23:26 IST)
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है, जिससे हरिद्वार प्रशासन और उत्तरप्रदेश जल विभाग के दिलों की धड़कन बढ़ गई है।

शनिवार को गंगा का जलस्तर 294.35 रिकॉर्ड होते ही यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने हरिद्वार के भीमगोडा बैराज पर डेरा डालकर गंगा के बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए हुए है। गंगा के बढ़े हुए जलस्तर के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी सभी बाढ़ चौकियों से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
 
 उत्तराखंड में पिछले 55 घंटों से लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, ये पानी उत्तरप्रदेश के बिजनौर सहित सीमावर्ती जिलों में पहुंच जायेगा। इसलिए उत्तरप्रदेश सरकार ने गंगा नदी से सटे जिलों को बाढ़ की स्थिति से निपटने के हाई अलर्ट कर दिया है। बिजनौर में जिला प्रशासन से बाढ़ चौकियों को अलर्ट करते हुए गांवों में मुनादी भी कराई है ऊपर से पानी छोड़ा गया है, इसलिए सभी लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ चले जाएं, वहीं बिजनौर डीएम, एसपी सहित सभी अधिकारियों ने बिजनौर गंगा बैराज पर पहुंच गए हैं।
 
 जून में सामान्य बारिश से अधिक होने के कारण गंगा नदी खतरे के निशान पर आ गई है। आमतौर पर ज्येष्ठ माह में ऐसा होता नहीं है। तबाड़तोड़ बारिश और गंगा में जलस्तर बढ़ जाने से प्रशासन हरकत में आ गया है। मेरठ प्रशासन ने जहां हस्तिनापुर और किला परीक्षितगढ़ में गंगा किनारे बसे गांव का निरीक्षण किया है, वहीं संबंधित विभागों को हिदायत दी है कि बाढ़ से निबटने और राहत कार्यों के तैयार रहे, रात्रि में सतर्क रहते हुए सघन निगरानी करें।
 
मेरठ सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सिंचाई पीके जैन ने बताया कि सिंचाई विभाग ने अन्य विभागों के समन्वय के साथ बाढ़ राहत के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उन्होंने बताया कि गत वर्ष हस्तिनापुर ब्लॉक के ग्राम फतेहपुर प्रेम में कटाव निरोधक कार्य कराए गया है, यह कार्य करीब रुपए 7 करोड़ की लागत से कराए गए जिसमें 900 मीटर का कार्य कराया गया, वर्तमान में हंसापुर परसापुर में करीब 6 करोड़ से कार्य चल रहा है जो कि करीब 850 मीटर है।
गांववालों को अलर्ट करते हुए कहा गया है कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और कटाव निरोधक कार्य के चलतज गांव के अंदर पानी नही आ पाएगा, साथ ही 12 शेल्टर प्लेस बनाए गए हैं। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है, साथ ही तहसील स्तर पर स्कूल व धर्मशालाओं की व्यवस्था भी की गई है। पीएसी व एनडीआरएफ को मुस्तैद करते हुए नाव, पोकलेन मशीन, बलिया व कट्टे आदि की व्यवस्था भी कर ली गई है।

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