10 devotees reached Ayodhya on occasion of Deepotsav Mahaparva: श्रीराम नगरी अयोध्या का दीपोत्सव अब महापर्व के रूप में जाना जाता है, जिसे देखने लिए प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों की संख्या मे श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं। इस बार भी दीपोत्सव देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या मे श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या पहुंचे। अयोध्या के सभी छोटे-बड़े होटल लगातार फुल रहे। एक अनुमान के अनुसार 14 से 23 अक्टूबर के बीच अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या 10 लाख से अधिक पहुंच गई। इससे अयोध्या का कारोबार भी पांच करोड़ से अधिक का हुआ। इसके चलते नगर के सभी छोटे-बड़े व्यापारी काफी खुश दिख रहे हैं।
सोचा नहीं था इतना विकास होगा : अयोध्या के होलसेल गल्ला व्यापारी राजीव गुप्ता विनोद ने वेबदुनिया से बात करते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री योगी जी की दूरगामी सोच का फायदा सभी अयोध्यावासियों को मिल रहा है। क्योंकि इनके पास दिया और मोमबत्ती की राजनीति करने की फुर्सत नहीं है। वे सभी के घरों में दीए का प्रकाश पहुंचाने की सोच रखते हैं, जो कि दिख रहा है, बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि हमारी अयोध्या का इतना अधिक विकास होगा और इसे विश्व स्तर पर इतना सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या आने वालों की संख्या भी 10 लाख से अधिक होगी और यहां का कारोबार भी 5 करोड़ से ज्यादा हुआ है। क्योंकि सभी छोटे-बड़े व्यापारी अपने सामानों की सप्लाई पूरी तरह से नहीं दे पा रहे थे। सामान कम पड़ रहा था।
अयोध्या के ही गिफ्ट व्यापारी सोमदेव आर्य ने वेबदुनिया से बात करते हुए कहा कि यह दीपोत्सव महापर्व मेरी समझ से अयोध्यावासियों के घरों में प्रकाश लाने से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों का उत्साह काफी ज्यादा रहा। उन्होंने काफी दिन अयोध्या में बिताए, जिससे अयोध्या का व्यापार काफी बढ़ा है। हम लोगों की यह स्थिति थी कि घर पर खाना खाने जाने की फुरसत नहीं मिल पा रही थी। बहुत ही दिव्य रहा दीपोत्सव।
दीपोत्सव हुआ विश्वव्यापी : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के अर्थशास्त्री डॉ. विनोद श्रीवास्तव ने बताया की अयोध्या के दीपोत्सव में विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा योगदान हमेशा से रहा है। इस वर्ष के दीपोत्सव में भी हमारे विश्वविद्यालय से 33 हजार वालेंटियर लगे हुए थे। आज अयोध्या धार्मिक नगरी के रूप मे विश्व में विख्यात हो चुकी है, जिसे देखने के लिए सभी आना चाहते है और बराबर आ रहे हैं। यहां का दीपोत्सव का पर्व तो विश्वव्यापी हो चुका है, जो कि प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। जिस नगरी मे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ती है तो निश्चित रूप से वहा का व्यापार और व्यापारी दोनों ही तरक्की करते हैं।
यह निर्भर करता है प्रदेश की सरकार पर, हमारे प्रदेश की सरकार अयोध्या को काफी महत्व दे रही है और खासकर मुख्यमंत्री योगी का अयोध्या से काफी लगाव रहा, जिसका परिणाम है कि अयोध्या का इतना विकास हुआ। उनकी दीपोत्सव पर्व की सोच ने नया आयाम दिया, नई पहचान दी है। इस बार अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों की संख्या 8 से 10 लाख के लगभग रही और पांच करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है।
अर्थशास्त्री श्रीमती जया सिंह ने वेबदुनिया से बात करते हुए कहा कि इस बार दीपोत्सव पर्व के दौरान अयोध्या में पहले से ही पर्यटकों व श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। सबसे बड़ी बात ये लोग काफी दिन अयोध्या में रुके, जिससे अयोध्या का कारोबार काफी तीव्र गति से बढ़ा। ऑटो चालक, ठेला व्यापारी, सभी छोटे-बड़े व्यापारियों की काफी कमाई हुई। मेरा आंकलन है कि जितना वे तीन माह मे कमाते उससे अधिक उन्होंने केवल 10 दिनों में कमा लिया।
अयोध्या की जानीमानी चार्टेट एकाउन्टटेंट हेमा केसवानी ने वेबदुनिया से बात करते हुए कहा की अयोध्या की ओर आज सभी देख रहे हैं। देश के अधिकांश उद्योगपति आज अयोध्या की ओर आ रहे हैं। यह बहुत बड़ी बात है जिसे किसी ने कभी सोचा नहीं होगा। इसमें यूपी सरकार की सबसे बड़ी भूमिका है। सरकार ने अयोध्या को प्राथमिकता दी और दीपोत्सव पर्व बहुत बड़ा पर्व बन गया है, जिसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग आ रहे है। इस वर्ष भी काफी उत्साह के साथ लगभग 10 लाख से अधिक लोग अयोध्या का दीपोत्सव देखने के लिए समय से पहले ही आ गए थे। वे अयोध्या रुके श्रीराम जन्मभूमि मंदिर सहित कई मंदिरों के दर्शन किए, सरयू स्नान किया, दान किया और अयोध्या भ्रमण भी किया। इससे अयोध्या का कारोबार भी लगभग पांच करोड़ हुआ है। इसे राम राज्य नहीं कहा जाएगा तो किस कहा जाएगा।
अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े : एक रिपोर्ट्स के अनुसार 14 अक्टूबर को 45 हजार, 15 अक्टूबर को 52 हजार, 16 अक्टूबर को 65 हजार, 17 अक्टूबर को 75 हजार, 18 अक्टूबर को 95 हजार श्रद्धालु रामलला के धाम पहुंचे। वहीं, 19 अक्टूबर को एक लाख, 20 अक्टूबर को 1 लाख 30 हजार, 21 अक्टूबर को 1 लाख 20 हजार, 22 अक्टूबर को 1 लाख 25 हजार श्रद्धालु आए, 23 अक्टूबर को एक लाख पांच हजार और 24 अक्टूबर को एक लाख के लगभग मे दर्शनार्थी रामलला के धाम पहुंचे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala