Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Mosque) वाले स्थल को कृष्ण जन्मभूमि (Krishna's birthplace) घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर औऱ न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने महक माहेश्वरी और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर बुधवार को यह आदेश पारित किया।
इससे पूर्व पीठ ने 4 सितंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस जनहित याचिका में दलील दी गई थी कि इस मस्जिद का निर्माण बलपूर्वक अधिग्रहीत जमीन पर किया गया है। इस जनहित याचिका में यह आरोप लगाते हुए शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गई थी कि मस्जिद कृष्ण के जन्मस्थल पर बनी है। याचिकाकर्ता की मांग थी कि यह जमीन हिन्दुओं को सौंपी जाए और कृष्ण जन्मभूमि पर एक मंदिर निर्माण के लिए एक उचित न्यास का गठन किया जाए।
एक अंतरिम याचिका में याचिकाकर्ता ने इस याचिका का निस्तारण होने तक हिन्दुओं को सप्ताह के कुछ निश्चित दिवसों और जन्माष्टमी त्योहार के दौरान शाही ईदगाह मस्जिद में पूजा-अर्चना की अनुमति दिए जाने की भी मांग की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि भगवान कृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था, जो कि शाही ईदगाह ट्रस्ट द्वारा खड़े किए गए मौजूदा ढांचे के नीचे मौजूद है इसलिए अदालत की निगरानी में विवादित ढांचे का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा उत्खनन कराया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने यह दलील भी दी थी कि मस्जिद इस्लाम का आवश्यक अंग नहीं है इसलिए विवादित स्थल को हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि वे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत अपने धर्म का पालन और प्रचार-प्रसार कर सकें। यद्यपि अदालत ने बुधवार को इस जनहित याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया, लेकिन निर्णय का विस्तृत विवरण अभी तक उपलब्ध नहीं है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta