लखनऊ। आजमगढ़ के एक दिवसीय दौरे से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में आवाज उठाना जुल्म नहीं है।
प्रियंका ने टवीट किया कि लोकतंत्र में आवाज उठाना जुल्म नहीं है और मेरा कर्तव्य है कि जिनके साथ जुल्म हो रहा है, मैं उनके साथ खड़ी होऊं। आजमगढ़ में प्रियंका के सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात की संभावना है। जिले के बिलरियागंज में 4 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था।
प्रियंका ने टवीट के साथ एक फोटो भी लगाया है जिसमें कैफी आजमी का शेर है- 'सब उठें, मैं भी उठूं, तुम भी उठो, तुम भी उठो/ कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएगी।'
आजमगढ़ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का निर्वाचन क्षेत्र है। अखिलेश के लापता वाले पोस्टर 8 फरवरी को उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चिपके हुए थे जिनमें सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर पुलिस कार्रवाई के परिप्रेक्ष्य में सांसद की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए थे।
उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने उक्त पोस्टर लगाए थे। उनमें अखिलेश के मुंह पर काली पट्टी बंधी दिखाई गई थी। सिविल लाइंस क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में ये पोस्टर लगे थे। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता नदीम ने कहा कि सपा नेता मुसलमानों के शुभचिंतक होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया कार्रवाई पर खुद को केवल ट्वीट करने तक ही सीमित रखा है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले साल आम चुनाव संपन्न होने के बाद से अखिलेश कभी आजमगढ़ नहीं आए। बिलरियागंज में कई मुसलमान महिलाओं ने मंगलवार को मौलाना जौहर पार्क में धरना शुरू किया। यह धरना सीएए और एनआरसी के खिलाफ था लेकिन उन्हें पुलिस ने जबरन हटा दिया।
पुलिस ने बताया कि 35 नामजद लोगों और 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 20 को गिरफ्तार किया गया है।