Uttar Pradesh News : अलीगढ़ के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने दिवानी अदालत में याचिका दायर की है और आरोप लगाया है कि यहां जामा मस्जिद का निर्माण बौद्ध, जैन और हिंदू परंपराओं से संबंधित प्राचीन मंदिरों के स्थान पर किया गया है। गौतम का दावा है कि अलीगढ़ नगर निगम की ओर से आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि मस्जिद सरकारी मंजूरी के बिना सार्वजनिक भूमि पर बनाई गई थी। यह दावा अलीगढ़ नगर निगम सहित विभिन्न सरकारी विभागों से सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत आवेदनों पर मिली सूचना पर आधारित है।
याचिका दायर करने वाले कार्यकर्ता पंडित केशव देव गौतम ने दावा किया कि दिवानी अदालत के न्यायाधीश गजेंद्र सिंह ने छह जनवरी को आदेश दिया था कि मामले की सुनवाई 15 फरवरी को होगी। उन्होंने दावा किया, मैं जामा मस्जिद के बारे में कई सरकारी विभागों में प्रश्न दायर करता रहा हूं, जो ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 18वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाई गई थीं।
उन्होंने कहा कि मस्जिद पुराने शहर में घनी आबादी वाले मुस्लिम बहुल इलाके अपर कोट में स्थित है। गौतम का दावा है कि अलीगढ़ नगर निगम की ओर से आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि मस्जिद सरकारी मंजूरी के बिना सार्वजनिक भूमि पर बनाई गई थी।
इस जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने मौजूदा जामा मस्जिद प्रबंधन समिति को अवैध घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। शपथ आयुक्त की मुहर लगी याचिका की एक प्रति के अनुसार, याचिकाकर्ता ने सरकार द्वारा मस्जिद की जगह को अपने अधीन लेने की मांग की है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour